Rajasthan News: 'ऐसी कोई योजना नहीं...', दिव्यांग छात्रों ने सीएम भजनलाल से की फर्जी सर्टिफिकेट जांच की अपील
Jodhpur News: दिव्यांग छात्रों ने बताया कि हमने दिसंबर में जिला परिषद से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि आपका बजट लेप्स हो गया है. दिव्यांग लोगों के लिए कोई ऐसी योजना नहीं है.
Jodhpur Blind Students: जोधपुर दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे. ज्ञापन में दिव्यांग दिव्यांग छात्रों के समूह ने बताया कि हमारे लिए किसी तरह की सरकार में योजना नही है जिससे किसी भी तरह की हमें सुविधा मिल सके. साथ ही फर्जी सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरियों में उनके हक को मारा जा रहा है. दिव्यांग छात्र चाहते हैं कि फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने वाले और फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने वालों के घर पर भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बुलडोजर चलाएं.
दृष्टि बाधित छात्र विजय सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में सरकार के द्वारा फ्री में दिव्यांग छात्र-छात्राओं को स्कूटी दी जाती है. हम लोगों को भी सरकारी सुविधा की जरूरत है. हम छात्र है हमारे लिये भी सरकारी योजना होनी चाहिए है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले थे. उन्होंने हमारी पीड़ा समझते हुए अपने विधायक कोटे के बजट से 30 बच्चो को 13 लाख 50 हजार रुपए लैपटॉप के लिए दिए थे. समाज कल्याण विभाग की ओर से जोधपुर जिला परिषद को सेशन कर दिया गया. उसके बाद आचार संहिता लग गई थी.
दृष्टि बाधित छात्र ने किया अुनरोध
छात्र ने बताया कि हमने दिसंबर महीने में जिला परिषद से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि आपका बजट लेप्स हो गाया है. क्योंकि आप (दिव्यांग) लोगों के लिए कोई ऐसी योजना नहीं है. जिसमें लैपटॉप दिए जा सके. विजय सिंह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर सरदारपुरा विधानसभा सीट से विधायक थे. वो इस बार भी जीत गए हैं. उनके द्वारा जारी किया गया बजट 31 मार्च तक जिला परिषद के पास है. छात्र ने अुनरोध किया कि जिला परिषद अधिकारी जल्द उन्हें लैपटॉप उपलब्ध करवाये.
शिकायत के बाद भी नहीं होती है कार्रवाई
दिव्यांग दृष्टिहीन शैतान सिंह ने बताया कि देश के कई राज्यों में दिव्यांगजनों के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए सरकारी नौकरी करने वालों की जांच की गई है. लेकिन राजस्थान में इस तरह की कोई जांच नहीं हो रही है. हम लोग शिकायत करते हैं. फिर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
उत्तर प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट की जांच की गई तो करीब 3000 से अधिक लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया गया. राजस्थान में ऐसे कई लोग है. जो सरकारी नौकरियों में दिव्यांग या दिव्यांग के फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं. इन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती है. हम लोग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग करते हैं कि इन लोगों के घरों पर भी बुलडोजर चलना चाहिए.
श्वेता कोचर एडीएम ने बताया कि दृष्टि बाधित दिव्यांग छात्रों का एक समूह उनसे मिला था. उन्होंने ज्ञापन दिया है. उसमें बताया है कि लैपटॉप आवंटन को लेकर जो बजट आया है. उसे बजट को लेकर विभाग में जांच की जाएगी. इसका क्या प्रावधान होता है. हर संभव प्रयास करके इन बच्चों की पूरी मदद की जाएगी.
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