Jodhpur: विरोधाभाषी साक्ष्यों को विश्वसनीय नहीं मानते हुए कोर्ट का फैसला, पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया दोषमुक्त
विरोधाभाषी साक्ष्यों को विश्वसनीय नहीं मानते हुए कोर्ट ने पत्नी की हत्या के आरोपी पति को दोषमुक्त कर दिया है. बता दें कि मृतका के पिता ने दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया था.
Jodhpur: अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न प्रकरण) जोधपुर सुषमा पारीक ने विरोधाभाषी साक्ष्य को अविश्वसनीय मानते हुए पत्नी की हत्या के आरोपी पति को दोषमुक्त कर दिया. अभियोजन की कहानी के अनुसार 20 फरवरी 2015 को नोखा निवासी परिवादी ओमप्रकाश ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना महामंदिर, जोधपुर में इस आशय की दर्ज करवाई कि उसकी पुत्री ममता की शादी मुंदर निवासी महावीर के साथ हुई थी. शादी के एक वर्ष पश्चात ही सास, ससुर व पति ने ममता को दहेज की मांग को लेकर तंग-परेशान करना शुरू कर दिया.
महावीर उसके साथ मारपीट करता था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि ममता को जलाकर मार दिया गया. पुलिस ने पति के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट पेश की, कोर्ट ने महावीर के विरुद्ध भा. द.स. की धारा 302,306 व 498ए के तहत आरोप लगाये.
आरोपी महावीर के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत एवं जितेंद्र बिश्नोई ने तर्क दिया कि आरोपी निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है. गवाहों के बयानों में भारी विरोधाभाष हैं, जिन पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता है. सारस्वत ने तर्क दिया कि ममता किसी गैरपुरुष से मोबाइल पर बात करती थी, जिसकी जानकारी आरोपी को हो जाने से ममता ने आत्महत्या कर ली. आरोपी ने तो उसे बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका जबकि लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ने 14 गवाह और 32 दस्तावेज पेश कर सन्देह से परे यह साबित कर दिया कि दहेज की मांग को लेकर महावीर ने ममता के शरीर पर केरोसिन डालकर उसकी हत्या की है.
दिन प्रतिदिन महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को देखते हुए आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए. हालांकि न्यायाधीश ने अधिवक्ता सारस्वत के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया.
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