Jodhpur News : रेगिस्तान का जहाज ऊंट पहले रेतीले धोरों से रास्ता पार करने व रेगिस्तानी रेतीले बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों का साथी धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर हैं. इस रेगिस्तान के जहाज के और भी कई फायदे हैं. इसके दूध व मूत्र के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी ठीक हो सकती है. दूध से बनने वाला घी, चीज के रूप और भी कई प्रोडक्ट आपको घातक बीमारी से बचा सकते हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन और विटामिन की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता हैं.

कई बिमारियों में आता है काम
आपने गाय, बकरी और भैंस का दूध तो बहुत किया होगा लेकिन ऊंटनी के दूध के बारे में सुना ही होगा. इसके फायदे इतने ज्यादा है कि इस दूध को पीने से आपकी दिमाग के सेल और चार्ज हो जाएंगें. जिससे कि आपकी यादास्त बहुत अच्छी हो सकती है. साथ ही ये डायबिटीज, कैंसर ,टीबी ,पीलिया ,दमा, बवासीर जैसी खतरनाक बीमारियों से आप को बचाता है. इस दूध को पीने से इम्यूनिटी पावर बढ़ता है. ऊंटनी के दूध में लेक्टोफ्रिंन नामक तत्व पाया जाता है जो कि कैंसर जैसी घातक बीमारी को ठीक करने में काम आता है.

25 से 30 हजार का फायदा
इस पर जोधपुर में पिछले कई सालों से ऊंटों को लेकर रिसर्च किया जा रहा था. साथ ही इससे जुड़े हनुमान सिंह ने हमें बताया कि ऊंट की विलुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए हमने एक एनजीओ बनाया है. हमारे साथ जर्मन की एक महिला है दोनों ने मिलकर इसक काम शुरू किया. करीब सात हजार ऊंट रखने वाले परिवारों से हम दूध लेते हैं और उससे प्रोडक्ट बनाते हैं. जिससे वोट पालने वाले परिवारों को 25 से ₹30 हजार का मुनाफा प्रति महीने हो रहा है. जिससे ऊंटों को अब खुला नहीं छोड़ा जा रहा और ऊंटों का पालन करने वाले परिवारों में उनकी आमदनी भी शुरू हो चुकी है.

त्वचा में निखार
ऊंटनी के दूध में अल्फा हाइड्रोसिल अम्ल पाया जाता है. जो कि त्वचा को निखारने में काम आता है. शर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम ,कार्बोहाइड्रेट ,शुगर, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए जैसे कई तत्व पाए जाते हैं. इसका नियमित उपयोग करने से कई सारी बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को तैयार किया जा सकता है. ब्लड शुगर, इंफेक्शन, तपेदिक, आंत में जलन, गैस्ट्रिक कैंसर, हेपेटाइटिस सी, एड्स, अल्सर, हृदय संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं. 


ये भी पढ़ें-


Uttarakhand News : कांग्रेस में जल्द होगा टिकट बंटवारा, पार्टी हाईकमान लेगा फैसला- यशपाल आर्य


Chhattisgarh News : धान का उठाव नहीं होने से समिति संचालक परेशान, धान का ज्यादा उत्पादन बना किसानों की समस्या