Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) जिले के गोगुंदा (Gogunda) विधानसभा सीट से विधायक प्रताप लाल भील (Pratap Lal Bheel) की अब मुसीबतें बढ़ सकती हैं. विधायक प्रताप भील ने राजस्थान हाईकोर्ट (High Court) जोधपुर (Jodhpur) मुख्यपीठ में उनके खिलाफ सुकेर थाने में दर्ज एफआईआर (FIR) को निरस्त कराने की मांग की थी.


याचिका में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की पेश भी हुई थी. अब जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया.


खारिज हुई याचिका में क्या था?
अदालत से याचिका खारिज होने के साथ ही अब विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, पीड़िता की ओर से दर्ज करवाए गए मामले में सीआईडी सीबी की ओर से पूरे मामले की जांच करने के बाद हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की थी.


इसमें न्यायालय ने माना कि जो तथ्य सीआईडी सीबी की ओर से पेश किए गए थे वहीं सही हैं. इसलिए हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया गया है. सरकार की ओर से अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता महिपाल विश्नोई ने पक्ष रखते हुए सभी तथ्य पेश किये. 


क्या है आरोप
इस मामले में पीड़िता ने विधायक पर आरोप लगाया कि सर्वप्रथम उनके द्वारा थाने में जो प्रकरण दर्ज करवाया गया. उसके बाद विधायक ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उसके बेटे को अगवा करवा दिया.


पीड़िता को इस बात के लिए मजबूर किया कि वह अपने बयान बदल लें और केस को भी उठा लें. हालांकि उस दौरान विधायक ने पीड़िता से उसके हक को लेकर कुछ वादे भी किए. इसके बाद एक बार पीडिता ने केस को उठा लिया, मगर विधायक अपने वादे से मुकर गए. इसके बाद फिर से पीड़िता ने थाने में दूसरा प्रकरण दर्ज करवाया.


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