Rajasthan News: राजस्थान में उत्तर-पश्चिम रेलवे (North Western Railway) के जोधपुर (Jodhpur) के उपनगरीय रेलवे स्टेशन (Suburban Railway Station) भगत की कोठी (Bhagat Ki Kothi) से पाली मारवाड़ (Pali Marwar) तक चलने वाली वाटर स्पेशल ट्रेन (Water Special Train) में दो सौ फेरे पूरे कर लिए. अब तक इस ट्रेन से 43 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी पाली पहुंचाया जा चुका है. राज्य सरकार (Rajasthan Govt) ने इसे और चलाने की मांग की है, जिस पर रेलवे (Railway) ने सेवा जारी रखने के लिए सहमति जताई है. इस सेवा के जरिये रेलवे को साढ़े छह करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व (Revenue) प्राप्त हुआ है.


मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय ने बताया कि पेयजल संकट से त्रस्त पाली के लिए जोधपुर से राज्य सरकार की मांग पर इस वर्ष 17 अप्रैल से वाटर स्पेशल ट्रेन का निर्बाध रूप से संचालन किया जा रहा है जिसके तहत शनिवार सुबह इसके दो सौ फेरे पूरे हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि वाटर ट्रेन के दो सौ फेरों के माध्यम से आठ हजार वैगन के जरिए भगत की कोठी से पाली मारवाड़ तक अब तक 43 करोड़ 20 लाख लीटर पानी का लदान रेलवे द्वारा किया जा चुका है, जिससे बतौर वैगन किराया रेलवे को साढ़े छह करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. 


मंडल रेल प्रबंधक ने आगे यह कहा


गीतिका पांडेय ने आगे बताया कि रेलवे द्वारा पाली जिला प्रशासन की मांग पर पेयजल सप्लाई नियमित रूप से जारी रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के कुशल नेतृत्व में संचालित वाटर स्पेशल ट्रेन के संचालन से पाली के लोगों को बड़ी राहत मिली है.


डीआरएम ने यह कहा


डीआरएम ने बताया कि 24 अप्रैल को जोधपुर मंडल को वाटर ट्रेन का एक और रैक उपलब्ध हुआ था, तब से दो ट्रेनों के माध्यम से दिन-रात पानी का लदान किया गया. उन्होंने बताया कि मारवाड़ में अक्सर पेयजल संकट की गंभीर स्थिति रहती है, ऐसे में ट्रेन के जरिये पाली तक पानी की सप्लाई एक महत्वपूर्ण कदम है. डीआरएम ने कहा कि पेयजल संकट से जूझ रहे पाली में लोगों तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए रेलवे संकल्पित और प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार जब तक इस व्यवस्था को सुचारू रखना चाहे, रेलवे हर संभव सहयोग करने को तत्पर है.


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वाटर स्पेशल ट्रेन के दो सौ फेरों का हिसाब
 
बता दें कि प्रत्येक ट्रेन में कुल 40 वैगन हैं. एक वैगन की भराव क्षमता 54 हजार लीटर की है. 40 वैगन में कुल 21 लाख 60 हजार लीटर पानी भरा जाता है. 2 जुलाई तक फेरों की संख्या 200 है. अब तक 43  करोड़ 20 लाख लीटर पेयजल की सप्लाई हो चुकी है. ट्रेन के एक फेरे से रेलवे को 3 लाख 27 हजार रुपये राजस्व मिलता है. 200 फेरों से अब तक 6 करोड़ 53 लाख 16 हजार 600 रुपये राजस्व रेलवे ने प्राप्त किया है. 


मानसून का आगमन हो चुका है लेकिन अच्छी बरसात से पाली के सबसे बड़े जलस्रोत जंवाई बांध में जब तक पेयजल की आवक नही हो जाती, तब तक जोधपुर से वाटर ट्रेन के जरिये मिलने वाले पानी पर निर्भर रहना पड़ सकता है.


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