देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) देश की जनता के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का समझौता नही करना चाहते हैं. इसीलिए किसानों को रसायन मुक्त ऑर्गेनिक खेती (chemical free organic farming) के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसको लेकर राजस्थान में कई विभाग काम रहे हैं अब खाद्य सुरक्षा व मानक प्रयोगशाला (Food Safety & Standards Laboratory) को हाई टेक किया जा रहा है.  प्रयोगशाला में फसल, फल फ्रूट व सब्जियों की खेती के दौरान कितना रसायन पेस्टिसाइड डाला गया हैं इसकी जांच हो पाएगी. 

 

 जोधपुर जयपुर व उदयपुर लैब को हाई टेक किया गया है

बता दें कि केंद्र सरकार (fssai) के द्वारा करोड़ो रुपए की लागत से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी मशीने इंस्टॉल की गई हैं. ये लैब प्रदेश में नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (NABL) से प्रमाणित किया गया हैं . जोधपुर जयपुर व उदयपुर लैब को हाई टेक किया गया हैं और इसी के साथ अब जल्द इस लैब में जांच शुरू की जाएगी. गौरतलब है कि आज के समय में दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे, जो अपने शरीर से पूर्ण रूप से स्वास्थ्य है, क्योंकि आजकल अधिकतर लोगों के शरीर में किसी न किसी प्रकार की कोई न कोई समस्या जरूर होती है. बता दें कि खेती में पेस्टीसाइड और रसायन लोगों को हो रही है बीमारियों का सबसे बड़ा कारण बनकर सामने आया है 



 

लैब में करोड़ो रुपए की एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनें इंस्टॉल की गई हैं

जोधपुर की खाद्य सुरक्षा व मानक प्रयोगशाला राजस्थान लैब इंचार्ज फूड एनालिसिसट डॉ रेनू शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया की केंद्र सरकार (fssai) के द्वारा जोधपुर लैब को अपग्रेड हाई टेक तरीके से तैयार करने के लिए करोड़ो रुपए की एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनें इंस्टॉल की गई हैं.  अब जल्द लैब में फसल फल फ्रूट व सब्जियां में पेस्टिसाइड व रसायन के छिड़काव को लेकर जांच शुरू की जाएगी. फसलों व सब्जियों की खेती के दौरान कई तरह के रसायन का छिड़काव किया जाता है जो स्वस्थ के लिए हानिकारक है इसकी तुलना स्लो पॉइजन से की जा सकती है जिससे खाने वाले को गम्भीर केंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है. बता दें कि पेस्टिसाइड  के छिड़काव में लेड, मरक्युरी सहित कई अन्य घातक रसायन शामिल होते हैं . 


 

लोग रसायनिक छिड़काव वाली सब्जियों से करने लगे हैं परहेज

 

कोरोना महामारी के बाद आम आदमी अपनी सेहत को लेकर काफी चिंतित है. अपनी इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए रासायनिक छिड़काव से पैदावार की हुई फसल व सब्जियों खाने से परहेज करने लगे हैं. ऐसे में ऑर्गेनिक खेती के नाम पर रसायन मुक्त फसल, फल फ्रूट व सब्जियां बाजार मैं बिक रही हैं.  वही किसान भी यह चाहते हैं कि उनकी  उपज  रसायन मुक्त है या नहीं इसकी जांच हो.  प्रदेश में इतने समय तक तो ऑर्गेनिक फल व सब्जियों के अंदर रसायन की जांच नहीं होती थी लेकिन अब जल्द पेस्टिसाइड की जांच शुरू हो जाएगी. 

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