Rajasthan News: जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यपालक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार बंसल ने मंगलवार को आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों के देखते हुए और आगामी त्योहारों मोहर्रम, रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस, नवरात्र, दुर्गाष्टमी, विजयादशमी के साथ ही विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के दौरान कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया. पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि यह आदेश 9 अगस्त से आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा.
इस आदेश के तहत कमिश्नरेट में आने वाले सार्वजनिक मार्गों और स्थलों पर बिना इजाजत समस्त प्रकार की रैली, जुलूस, प्रदर्शन, सभा और शोभा यात्रा इत्यादि के आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आयोजित उपरोक्त श्रेणी के आयोजनों और विवाह समारोह, बारात और शव यात्रा पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
इन पर नहीं लागू होगा कानून
इसी प्रकार कमिश्नरेट में आने वाला कोई भी व्यक्ति अस्त्र-शस्त्र, तेज धार वाले शस्त्र, लाठी लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं करेगा. न ही ऐसे अस्त्र, शस्त्र, तेज धार वाले शस्त्रों का किसी प्रकार से प्रदर्शन करेगा, लेकिन यह प्रतिबंध शस्त्र अनुज्ञापत्र स्वीकृत या नवीनीकरण संबंधी और थाने में जमा कराने के लिए जाने पर लागू नहीं होगा. सिख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परम्परा के अनुसार नियमानुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट होगी. यह प्रतिबंध सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र बल, सिविल पुलिस, होमगार्ड, सेना और अन्य राज्य और केंद्रीय कर्मचारियों, जो कि कानून और शांति व्यवस्था के संबंध में अपने साथ हथियार रखने को अधिकृत किए गए हैं उन पर लागू नहीं होगा.
इन पर रहेगी पाबंदी
इस आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति इस दौरान किसी भी प्रकार के घातक रासायनिक पदार्थ, विस्फोट और घातक तरल पदार्थ बोतल या अन्य किसी पात्र में लेकर नहीं घुमेगा. धार्मिक भावना भड़काने वाले भाषण, नारे नहीं लगायेगा और ना ही किसी भी स्थान पर ऐसे नारे लिखे जायेंगे. इसके साथ ही आपतिजनक, भद्दे, अश्लील भाषण, नारे, गीत इत्यादि का प्रयोग नहीं करेगा. जिससे सद्भावना, सामाजिक समरसता की भावना को ठेस पहुंचे.
इन धाराओं में की जाएगी कार्रवाई
इसी प्रकार आयुक्तालय क्षेत्राधिकार में डीजे(स्वचालित वाहन पर अधिरोपित इलेक्ट्रॉनिक ध्वनि प्रसारण यंत्र) का प्रयोग पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा. कोई भी व्यक्ति इन्टरनेट और सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सअप, इत्यादि के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और जाति विद्वेष या उन्माद को बढ़ावा देने वाली सामग्री का प्रकटन, प्रयोग या प्रसार नहीं करेगा.आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 और अन्य विधिक प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी.