Jodhpur Accident: राखी बांधने जा रही गर्भवती महिला को टैंकर ने रौंदा, मौके पर ही हो गई मौत, सड़क पर हुई डिलीवरी
Jodhpur Road Accident: निशा केरू गांव में हर साल अपने मुंह बोले भाई को राखी बांधने जाती थी. इस बार भी वह अपने पति और बच्चों के साथ निकली थी. हादसे में निशा टैंकर के पिछले पहिए के नीचे आ गई.
Jodhpur News: जोधपुर से एक बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए अपने परिवार के साथ मुंह बोले भाई के घर जा रही थी. इस दौरान हाईवे पर टैंकर ने बाइक सवार दंपति और दो बच्चों को चपेट में ले लिया. महिला 8 माह की गर्भवती थी. सड़क पर तेज रफ्तार टैंकर ने मोटरसाइकिल को अपनी चपेट में लिया. उसी दौरान महिला को रौंदते हुआ निकल गया. महिला की सड़क पर ही डिलीवरी हो गई. एक बच्ची का जन्म हो गया. मौके पर जूठे लोगों ने नवजात बच्ची को अस्पताल पहुंचाया. यह हादसा इतना भयानक था कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पति और दो बच्चों की हालत गंभीर है. उनका अस्पताल में उपचार चल रहा है.
जोधपुर पुलिस कमिश्नर वेस्ट के सूरसागर पुलिस थाना अधिकारी ने बताया कि यह हादसा गुरुवार दोपहर करीब 3:00 बजे हुआ था. सूरसागर से जैसलमेर नेशनल हाईवे पर डीजल पेट्रोल से भरे टैंकर ने बाइक सवार परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. बाइक पर पांचवी रोड पर रहने वाली निशा (25) वर्षीय उसका पति कैलाश (27) वर्ष से (10) साल की भतीजी रक्षित और (6) साल का बेटा मयंक केरू गांव में महिला अपने मुंह बोले भाई को राखी बांधने जा रही थी.
पति और बेटे को भी गंभीर चोट लगी है
निशा केरू गांव में हर साल अपने मुंह बोले भाई को राखी बांधने जाती थी. इस बार भी वह अपने पति और बच्चों के साथ निकली थी. हादसे में निशा टैंकर के पिछले पहिए के नीचे आ गई. टैंकर का पहिया उसके पेट पर चढ़कर रुक गया. टैंकर को वही रोक कर ड्राइवर फरार हो गया. पति और बेटे मयंक को भी गंभीर चोट लगी. मौके पर भीड़ जुट गई. लोगों ने देखा कि महिला के पेट पर ट्रक का टायर है. पास ही नवजात के रोने की आवाज आ रही थी. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तुरंत नवजात को उठाया और अस्पताल पहुंचाया पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है.
नवजात बच्ची पूरी तरह सुरक्षित थी
यह हादसा सूरसागर से जैसलमेर हाईवे की ओर जाने वाली सड़क पर हुआ. जहां पर इस हादसे के बाद कुछ लोग इकट्ठा हुए. लोगों ने देखा कि मृत महिला के पास एक नवजात है. जो रो रहा है. बच्ची की मां की मौत हो चुकी थी. पहले तो समझ नहीं पाए कि क्या करें फिर बच्ची को हाथों में उठा लिया. उसके बाद कुछ लोगों के साथ उसे अस्पताल पहुंचाया.
बच्ची को भर्ती कराया बच्ची की जांच की गई. नवजात बच्ची पूरी तरह सुरक्षित थी. कैलाश और उसके दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर में भर्ती करवाया गया. एक बच्चे और पति की हालत गंभीर होने पर उन्हें रात में मथुरादास माथुर अस्पताल रेफर किया गया.