Jodhpur New Year Celebration: राजस्थान का दूसरा बड़ा जिला जोधपुर की खास पहचान है. यहां के लोग और यहां के खानपान साथ ही लोगों की मीठी बोली की बात करें तो हर मौसम में खाने का जायका कैसा हो वह तो यहां के लोग ही जानते हैं. किस मौसम या किस त्यौहार पर कौन सी मिठाई घर पर लानी है. दिसंबर का महीना चल रहा है पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में नए साल को लेकर खासतौर से लोगों में अलग ही उल्लास देखने को मिल रहा है. जिसके चलते जोधपुर के लोगों के स्वाद के जायके को और बढ़ाया जा रहा है. जोधपुर की कई बड़ी-बड़ी मिठाई की दुकानें हैं जहां पर आपको दर्जनों की तादाद में अलग-अलग मिठाई, उसके नाम और उसके स्वाद की जानकारी मिल जाएगी. 

सज चुकी है दुकान
जोधपुर में मिठाई की दुकानें सज चुकी हैं. खासतौर से नए साल के लिए खास मिठाई भी तैयार है. एक मिठाई दुकान के मालिक राहुल सिंघवी ने बताया कि यह मिठाई इसलिए है क्योंकि नए साल पर बच्चे और हर उम्र के लोग भी इसे खास पसंद करते हैं. ड्राई फ्रूट चॉकलेट से बनी मिठाई, गुलाब गुलकंद, लड्डू, बादाम, अंजीर, काजू, पिस्ता चक्की, ओरियो और चॉकलेट सहित दर्जनों मिटाएं बनी हुई तैयार है. नए साल पर मिठाइयों की मांग भी बढ़ी है जो लोग एक दूसरे को गिफ्ट दे रहे हैं. इस मिठाई को देश ही नहीं विदेश भी भेजा जा रहा है क्योंकि यह मिठाई जल्दी खराब नहीं होती है. सर्दी के मौसम में कई तरह के हलवे भी बनाए जाते हैं .गाजर का हलवा, दाल बदाम का हलवा या गोंद का हलवा नए साल को देखते हुए खासतौर से खूबसूरती से तैयार होता है. ये ग्राहकों के सामने रखा जाता है और खासतौर से ग्राहक भी 2022 वेलकम लिखा ही लेना पसंद करते हैं.





क्या है जोधपुर की खास मिठाई
जोधपुर की सबसे पुरानी और खास पहचान रखने वाली मिठाई चतुर्भुज के गुलाब जामुन हैं. यह देखने में इतनी सुंदर और खाने में उतने ही ज्यादा स्वादिष्ट है क्योंकि यह गुलाब जामुन खास तरीके से बनाए जाते हैं. वैसे तो आपने गुलाब जामुन कई जगह खाए होंगे लेकिन जब जोधपुर के चतुर्भुज के गुलाब जामुन आपने खा लिए तो यह स्वाद जिंदगी भर नहीं भुलोगें. यह गुलाब जामुन मैदा और दूध से बने मावे से बनते हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल आया होगा कि गुलाब जामुन तो सभी जगह बनते है. चतुर्भुज का गुलाब जामुन ही खास क्यों है. 

क्यों खास है ये मिठाई
चतुर्भुज अग्रवाल के पोते के पोते राहुल चतुर्भुज ने बताया कि गुलाब जामुन की मिठाई को क्यों और किसने बनाया. जोधपुर के रहने वाले चतुर्भुज अग्रवाल जब जोधपुर में प्लेग की बीमारी हुई थी उस दौरान अपने घर बार छोड़कर अपने गुरु के आश्रम में चले गए थे. जो प्लेग खत्म हुआ तो उनके गुरु ने कहा कि जाओ अब आप यहां से और कुछ काम धंधा करो. तो उन्होंने कहा कि अब मैं क्या काम धंधा करुगा. उस दौरान उनके गुरु ने एक दूध से भरा लोटा दिया. जिसको लेकर जोधपुर वे लौटे और मिठाई का काम शुरू किया. वह अभी तक जिस तरह से चल रहा है. राहुल चतुर्भुज का मानना है कि यह हमारे गुरु जी का आशीर्वाद ही है. स्वाद की बात करें तो कोई खास तरीका नहीं है लेकिन इस दुकान पर बनी मिठाई गुलाब जामुन का स्वाद सबसे अलग ही है.


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