Rajasthan News: राजस्थान के खैरथल और कोटपूतली से नए साल पर दो दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां दो अलग-अलग घटनाओं में एक तीन साल और एक सात साल की बच्ची की मौत हो गई है. दोनों बच्चियों की मौत प्राकृतिक आपदा, सड़क हादसा या किसी बीमारी से नहीं हुई है. इस दोनों मासूमों की मौत सिस्टम की लापरवाही की वजह से हुई है.


कोटपूतली के कीरतपुर गांव में तीन साल की चेतना खेलते-खेलते 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी, जिसके बाद 10 दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे बमुश्किल बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. 


जबकि, खैरथल तिजारा जिले के किरवारी गांव में एक सात साल की मासूम इकराना को पांच कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला. इकलौती बेटी को खोने के बाद परिवार में मातम फैला हुआ है. बताया जा रहा है कि बच्ची अपनी सहेलियों के साथ बेर खाने गई थी, तभी रास्ते में वह सूखी लकड़ियां बीनने लगी.


कुत्तों ने बच्ची को 40-50 जगह नोचा
इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया और उसे घसीटकर खेतों में ले गए. यह देखकर दूसरी बच्चियों ने जबतक लोगों को आवाज दी तब तक कुत्तों ने उसे 40-50 जगह नोच डाला था. इसके बाद बच्ची को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन तब तक बच्ची ने दम तोड़ दिया था. 


इन बच्चियों की मौत जिम्मेदार कौन?
वहीं परिजनों का सवाल है कि दो बच्चियों की अकाल मौत का जिम्मेदार कौन है? कोटपूतली में रेस्क्यू में 10 दिन क्यों लगे? खुले पड़े बोरवेल बंद क्यों नहीं होते? आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. जबकि खैरथल में कुत्तों के हमले का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कुत्तों ने एक गाय पर हमला किया था. एक महिला को घायल किया था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इन मामलों के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. 


(जुगल गांधी की रिपोर्ट)



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