Rajasthan Kharif Season: राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में खरीफ सीजन (Kharif Season) में मानसून (Monsoon) पूर्व की बरसात और उसके बाद समय-समय पर बारिश (Rain) होने से खेतों में फसलों के लहराने से खुशहाली छाई हुई है. प्रदेश के अधिकतर जिले में इस बार सामान्य से अच्छी बरसात हुई है, जिससे फसलों की ऐतिहासिक बुआई होने का अनुमान है. अब तक के मानसून की स्थिति और मौसम की अनुकूलता को देखते हुए किसानों को फसलों के अच्छे उत्पादन की उम्मीद है. नहरी क्षेत्र में भी पर्याप्त पानी मिलने से किसान फसलों में अच्छे से सिंचाई कर पा रहे हैं, जिससे अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए हुए हैं.

 

प्रदेश में खरीफ सीजन में बाजरा, मक्का, ज्वार, सोयाबीन, ग्वार, मूंग, मूंगफली, कपास, मोठ, चवला, उड़द, तिल, अरंडी और धान इत्यादि फसलों की प्रमुखता से बुआई होती है. इस खरीफ सीजन में 1 करोड़ 62 लाख हेक्टेयर में फसल बुआई का अनुमान है. पिछले साल इस समय तक की बुआई की तुलना में 21 लाख हेक्टेयर अधिक है. वहीं पूरी खरीफ सीजन 2021 में बोई गई फसलों के रकबे से 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर बुआई रकबा अधिक है.

 

फसल   पिछले साल बुआई   वर्तमान बुआई 

(फसल बुआई आंकड़े लाख हेक्टेयर में)

बाजरा        43.01               45.12

ग्वार           23.94               30.67

मूंग            25.61               20.53

सोयाबीन     11.55               11.51

मोठ           10.51                9.50

मक्का          9.36                9.44

मुंगफली       7.96                7.88

कपास          7.56                6.52

ज्वार            6.20                6.79

उड़द           4.25                 3.17

तिल             2.90                 2.65

धान             1.96                 2.27

अरंडी          1.17                 1.50

अन्य            4.20                 4.75

कुल           160.99             162.25

 


 

कपास, मूंग, मोठ का रकबा घटा, बाजरा, ग्वार का बढ़ा

 

प्रदेश में 18 अगस्त तक के जारी आंकड़ों के अनुसार कपास, मूंग और मोठ का रकबा पिछले पांच साल के बुआई रकबे से भी नीचे चला गया है. वहीं ग्वार और बाजरा की बुआई पिछले साल से और पांच साल  के औसत से अधिक हुई है. ग्वार की बुआई पिछले साल 23.94 लाख हेक्टेयर में हुई थी. वहीं ग्वार का पांच साल का औसत 30 लाख 75 हजार हेक्टेयर है. इस बार अब तक 30 लाख 67 हजार हेक्टेयर में बुआई हुई है. वही बाजरा की बुआई भी औसत से अधिक हुई है. पिछले साल जहां 43.01 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी. वहीं पांच साल की बुवाई का औसत 42.58 लाख हेक्टेयर है. इसके विपरित इस बार 45.12 लाख हेक्टेयर में बाजरे की बुआई का अनुमान है.

 

किसान नेता ने सरकार पर लगाया ये आरोप

 

भारतीय किसान संघ प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि प्रदेश में इस बार मानसून की अब तक की स्थिति ठीक है. बाजरे और ग्वार की अच्छी बीजाई हुई है. मौसम की अनुकूलता और मानसून के मेहरबान होने से अच्छे फसल उत्पादन की उम्मीद है. मूंग के समर्थन मूल्य पर पर्याप्त खरीद नहीं होने और कपास में सफेद मच्छर सहित कीटों के प्रकोप के कारण फसल उत्पादन लागत बढ़ने से बुआई का रकबा घटा है. मूंग और मोठ में बुआई रकबा पिछले पांच साल के औसत से नीचे जाना चिंताजनक है. इस बार अच्छे मानसून के चलते बाजरे की बुआई अच्छी हुई है, लेकिन सरकार का बाजरा खरीद के प्रति नकारात्मक रवैया जारी रहा तो मूंग, मोठ जैसी स्थिति बाजरे में भी आ सकती है.

 

जोधपुर में 13 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल की बुआई

 

जोधपुर में ग्वार और मुंगफली की रिकॉर्ड बुआई का अनुमान है. वहीं मूंग-मोठ की बुआई पिछले साल से कम होने की आशंका है. जिले में बाजरा, मूंग, मूंगफली, कपास, अरंडी, मोठ, तिल, ज्वार इत्यादि की प्रमुख रूप से बुआई हुई है. सिंचित क्षेत्र में गाजर की बुआई चल रही है. जिले में सबसे अधिक बाजरा 4.15 लाख, मूंग 3 लाख, मुंगफली 1.58 लाख, ग्वार 1.80 लाख, मोठ 70 हजार, कपास 75 हजार, ज्वार 40 हजार, अरंडी 22 हजार और तिल 23 हजार हेक्टेयर में बुआई होने का अनुमान है. मौसम अनुकूल होने और मानसून मेहरबान होने से किसानों को रिकॉर्ड फसल उत्पादन का उम्मीद है.