बूंदी (Bundi) जिले के खेरूणा गांव ने पूरे देश में मिसाल पेश की है. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्रीय स्वच्छता अवार्ड देकर सम्मानित किया. स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के प्रथम मॉडल ओडीएफ प्लस में 6 बिंदुओं पर सम्मान मिला. बूंदी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, पंचायत समिति बूंदी की विकास अधिकारी जगजीवन, स्वच्छ भारत मिशन के जिला परियोजना समन्वयक निजामुद्दीन और ग्राम पंचायत रामनगर की सरपंच बबीता बाई ने अवार्ड हासिल किया. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण में ग्राम पंचायत रामनगर को ओडीएफ प्लस बनाया गया है.
रामनगर ओडीएफ प्लस राजस्थान में पहली ग्राम पंचायत
रामनगर ओडीएफ प्लस राजस्थान में पहली ग्राम पंचायत है. सीईओ प्रतिहार ने बताया कि विभाग की ओर से छह मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाकर राज्य सरकार के जरिए केन्द्र सरकार को भिजवाई गई थी. तीन माह में टीम की एकजुटता से कार्य हो सका है. अब पूरे गांव का स्वरूप ही बदल दिया गया है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बूंदी जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी मुरलीधर प्रतिहार ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण में रामनगर ग्राम पंचायत का ओडीएफ प्लस पंचायत बनाए जाने के लिए जनवरी-2021 में चयन किया गया था.
ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कार्य की शुरुआत खेरूणा से
हमने जिला स्तरीय ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कार्य की शुरुआत 18 मार्च 2021 को पंचायत के खेरूणा में की. इसके बाद टीम ने गांव का तीन माह में पूरा स्वरूप बदल दिया. स्वच्छ भारत मिशन के जिला परियोजना समन्वयक निजामुद्दीन की निगरानी में टीम ने ग्राम वासियों के व्यवहार में बदलाव लाकर खेरूणा गांव को राज्य में प्रथम मॉडल ओडीएफ प्लस गांव बनाया. बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने सम्मान को बूंदी के लिए गौरव की बात बताया. उन्होंने टीम की कड़ी मेहनत का नतीजा करार दिया.
प्रदेश में ग्राम पंचायत रामनगर के खेरूणा गांव को स्वच्छ भारत मिशन योजनान्तर्गत प्रथम मॉडल ओडीएफ प्लस में चयनित किया गया. गौरतलब है कि खेरूणा गांव जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. बूंदी से बिजोलिया जाने वाले स्टेट हाईवे पर अरावली पर्वत श्रृंखला में खेरूणा बसा हुआ है.
ग्रामीणों की सोच ने गांव को पूरे देश में बनाया मिसाल
सरपंच बबीता बाई ने बताया कि गांव की आबादी 1307 लोगों पर आधारित है. गांव में एक राजकीय उच्च प्राथमिक स्तर तक का विद्यालय, एक आंगनबाड़ी केंद्र, सहकारी भवन, मॉडल आधुनिक सामुदायिक स्वच्छता कॉम्पलेक्स और एक मॉडल श्मशान है. इलाके के ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि, मजदूरी और पशुपालन है. लेकिन ग्रामीणों की सोच ने गांव को पूरे देश में मिसाली बना दिया.