Apeksha Group Chitfund Company Fraud Case: कोटा के बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड ठगी मामले में कार्रवाई जारी है. एसआईटी की टीम गुजरात के सूरत से एक और आरोपी को पकड़ा है. पुलिस उप अधीक्षक और एसआईटी टीम प्रभारी अमर सिंह राठौर ने बताया कि डॉ. नईम अफजल अपेक्षा गुप्र में आईटी का काम संभालता था. सीएमडी मुरली मनोहर नामदेव के कहे अनुसार अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी लुभावने ऑफर का झांसा देकर लोगों को ग्राहक बनाती थी. अपेक्षा ग्रुप में नई नई स्कीमों को तैयार करने वाला नईम अफजल लंबे समय से फरारी काट रहा था.


अपेक्षा ग्रुप चिटफंड ठगी का एक और आरोपी सूरत से पकड़ाया


आरोपी सूरत के जहांगीरपुर इलाके में किराए से रह रहा था और प्राइवेट क्लिनिक पर काम कर रहा था. एसआईटी की टीम ने 5 दिन तक आरोपी को सूरत में तलाश किया. डॉक्टर नईम की गिरफ्तारी पर 27 सितंबर को एसपी सिटी ने 5 हजार का इनाम घोषित किया था. एसआईटी टीम अब तक एक महिला समेत 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार लोगों में तीन सरकारी कर्मचारी पत्नी के नाम से अपेक्षा ग्रुप में डमी डायरेक्टर का कामकाज देख रहे थे. चिटफंड कंपनी लोगों को अमीर बनाने का सब्जबाग दिखाती थी.


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38 डायरेक्टर्स पर गुमानपुरा थाने में धोखाधड़ी का मामला है दर्ज


अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी के खिलाफ अलग अलग थानों में करीब 106 एफआईआर दर्ज हैं. अनुमान के मुताबिक चिटफंड कंपनी ने कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ में करीब ढाई से 3 हजार निवेशकों को चूना लगाया है. रकम का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. माना जा रहा है कि 150 से 200 करोड़ की ठगी की गई है. नवबंर 2021 में अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी ने निवशेकों को ब्याज देना बंद कर दिया था. ऑफिस से संपर्क करने पर लोगों को लगातार टाला जाने लगा. ठगी का एहसास होने के बाद पीड़ित लोग थाने पहुंचने लगे. जनवरी 2022 में अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी के 38 डायरेक्टर्स पर गुमानपुरा पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.