Rajasthan Patwari Corruption: भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के जस्टिस प्रमोद कुमार मलिक ने एक पटवारी को तीन साल की सजा सुनाई है, साथ ही जुर्माना भी लगाया है. पटवारी लोगों से जमीन की पैमाइश करने, जमाबंदी और नक्शा ट्रेस की प्रमाणित नकल देने की एवज में रिश्वत लेता था. इस मामले में आरोपी पटवारी घासी लाल कोडप को कोर्ट ने 3 वर्ष का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. 


कम पैसे देने पर आधी-अधूरी पैमाइश की 
सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि 13 जनवरी 2012 को शिकायतकर्ता दौलत जोकि कोटा के रामगंज मंडी का निवासी है. दौलत ने एसीबी चौकी झालावाड़ में एक लिखित रिपोर्ट डिप्टी एसपी के सामने दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा गया था कि, मेरे पिता बाबूलाल जाटव निवासी यादव मोहल्ला, वार्ड नंबर 21, रामगंजमंडी के नाम से पटवार क्षेत्र मंडा जिला कोटा में खेती की जमीन है. जमीन की पैमाइश करवानी थी, जिसके एवज में पटवारी घासी लाल कोडक ने 3 हजार रुपए की मांग की. पटवारी को 2 हजार रुपए दे दिए गए. लेकिन पटवारी ने जमीन की पैमाइश आधी-अधूरी की और जमाबंदी की नकल, ट्रेस नक्शा प्रमाणित करके नहीं दे रहा है. साथ ही 1 हजार रुपए की मांग कर रहा है.


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एक हजार की रिश्वत लेते धरा गया पटवारी
एसीबी ने रिश्वत की मांग का सत्यापन करवाया. एसीबी ने शिकायत मिलने पर पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछाया. 16 जनवरी 2012 को रामगंज मंडी रेलवे स्टेशन पर आरोपी घासी लाल कोडप पटवारी को  शिकायतकर्ता दौलत से 1 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर लिया और आरोपी पटवारी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया.कोर्ट ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंड़ित किया है.


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