Dussehra 2023: कोटा के दशहरे मेले का हुआ रंगारंग आगाज, इस बार नहीं आएंगे कोई भी नेता, जानें क्या है वजह?
Kota National Fair Dussehra: कोटा मेला दशहरा 2023 का भव्य आगाज हो गया है. इस बार आचार संहिता का असर मेले दशहरा पर दिख रहा है. राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी भी मंच पर नजर नहीं आएंगे.
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Shardiya Navratri 2023: कोटा मेला दशहरा 2023 का श्रीराम रंगमंच पर ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ भव्य आगाज हुआ. सम्भागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने ध्वजारोहण से पहले मेला उद्घाटन की औपचारिक उद्घोषणा की. गुब्बारे उड़ाकर मेले का उद्घाटन किया गया. इस दौरान भव्य आतिशबाजी की गई, जिससे आसमान रंग बिरंगी अशर्फियों से दमक उठा.
इसके बाद पर्यटन विभाग के तत्वावधान में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में लोकगीत, संगीत और नृत्य की अद्भुत छटा बिखरी. राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए हुए लंगा गायक लोक कलाकारों ने अपने कार्यक्रमों से सबका मन मोह लिया. इस बार आचार संहिता का असर, मेले दशहरा पर दिख रहा है और राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी भी मंच पर नजर नहीं आएंगे.
केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देस
बाड़मेर से आए लोक गायकों ने कार्यक्रम की शुरूआत 'केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देस' गाने से की. इसके बाद ढोलक, हारमोनियम और खड़ताल पर राजस्थानी लोकगीत निंबुडा की प्रस्तुति दी तो हर कोई ताली बजाने पर मजबूर हो गया. उन्होंने दमा दम मस्त कलंदर..., लोकगीत पर माहौल में रूहानी रंग भर दिए.
सिर पर कलश हाथों में दिये लेकर किया नृत्य
इसके बाद गौतम परमार के दल ने राजस्थानी भवई नृत्य प्रस्तुत किया. उन्होंने सिर पर 11 कलश रखकर और हाथों में दीये लेकर अद्भुत नृत्य की प्रस्तुति दी. गौतम परमार की टीम ने इतल पीतल मारो बेवडो.., मोर बोले रे आपरे बाड़ा में.. , लेती जाई जो संदेशो लेती जयजो..., हरिया बाग में बोले सुवटिया.., म्हारी सवा लाख की लूम गुम गई. सरीखे गीतों पर नृत्य कर दर्शकों का मन मोह लिया.
नेशनल आर्टिस्ट बरखा जोशी ने बांधा समा
इस दौरान बरखा जोशी ने बालम जी म्हारा रिमझिम बरसे नेह..., सागर पानी भरबा जाऊं सा, नजर लग जाए..., पर नृत्य की प्रस्तुति दी. हाडोती की कंजर जाति की युवतियों द्वारा किए जाने वाले चकरी नृत्य की प्रस्तुतियों ने कोटा बारां की संस्कृति को उजागर किया. युवतियों ने ढोल की थाप पर मीठी लागे रे ..., म्हारो बाल मुकुंद बनवारी रे ..., गीतों पर अनवरत नृत्य किया. इसके साथ ही रामलीला का आयोजन भी शुरू हो गया.
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