Rajasthan News: इस बार सब्जियों से लेकर दाल तक आसमान छू रही हैं. कोटा संभाग में इस बार लहसुन के भाव भी आसमान छू रहे हैं. जो लहसुन वर्ष 2022 में 10 रुपए किलो बिका था इस बार वही लहसुन 200 रुपए किलो तक पहुंच गया है. किसानों और व्यापारियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है, लेकिन आमजन की पहुंच से लहसुन दूर होता जा रहा है. आने वाले समय में भाव में तेजी होने की संभावना भी जताई जा रही है, जब तक बाजार में आवक नहीं बढेगी दाम कम नहीं होंगे. 

लहसुन की 35 हजार हैक्टेयर में कम हुई बुवाई 
कोटा संभाग के कोटा, बूंदी और बारां के साथ झालावाड़ में भी लहसुन (Garlic) की बम्पर पैदावार होती है, लेकिन पिछले वर्ष उत्पादन अधिक होने से लहसुन के भाव जमीन पर आ गए और मात्र 10 रुपए किलो के आसपास लहसुन बिका, जिस कारण किसानो को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.  पूरे हाड़ौती में इस बार करीब 35 हजार हेक्टेयर कम बुवाई हुई. इसके कारण उत्पादन कम हुआ. कम उत्पादन और विदेशों में मांग के चलते लहसुन की डिमांड बढ़ गई है. इसके कारण लहसुन के भाव आसमान छूते नजर आ रहे हैं. 

15 दिनों में भाव 4 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल बढे़
एशिया (Asia) की सबसे बड़ी लहसुन मंडी भामाशाह कृषि उपज मंडी कोटा के सचिव जवाहर लाल नागर का कहना है कि बीते 15 दिनों में करीब 4 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव बढ़ गया है. डेढ़ महीने पहले एक्सपोर्ट क्वालिटी वाला लहसुन 6 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल मंडी में बिक रहा था. वर्तमान में इसके दाम बढ़कर 15 से 18 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं. जबकि नॉर्मल लहसुन 12 हजार रुपए के आसपास पहुंच गया है. बीते साल जिन किसानों को घाटा उठाना पड़ा था, उनके चेहरे पर इस बार लहसुन ने खुशियां ला दी हैं. पिछले वर्ष के मुकाबले किसानों ने इस बार उत्पादन रकबा घटाया, लेकिन बढ़े हुए भाव ने उन्हें खुश कर दिया है. 

रिटेल में 160 से 200 रुपए किलो तक बिक रहा लहसुन 
मंडी में एक्सपोर्ट क्वालिटी माल के दाम 160 से 180 रुपए किलो है. शेष अधिकांश माल 100 से 150 रुपए किलो के आसपास बिक रहा है. कोटा की रिटेल मंडियों में एक्सपोर्ट से नीचे की क्वालिटी का माल ही बिकने के लिए पहुंचता है. ऐसे में वहां भी भाव 160 से 200 रुपए किलो के आसपास पहुंच गए. लहसुन को फ्लेक्स और पाउडर के रूप में भी विदेशों में भेजा जा रहा है. देश में सभी जगह पर लहसुन का उत्पादन कम था, इसलिए दाम लगातार बढ़ रहे है. लहसुन सब्जी की श्रेणी में आने के चलते 2 से 3 महीने तक ही इसे रखा जा सकता है, इसलिए भी स्टॉक ज्यादा नहीं रख सकते हैं, इसीलिए भी दाम बढ़े हैं. वहीं, लहसुन का ज्यादा निर्यात बांग्लादेश को किया जा रहा है. इसके अलावा मलेशिया, वियतनाम, यूएई, (UAE) अफगानिस्तान को भी लहसुन भेजा जा रहा है. 


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