Kota News: राजस्थान की सभी जेलों में चल रहा अन्न त्याग आंदोलन तेज होता जा रहा है. अब यहां लोगों की तबियत भी बिगड]ने लगी है. कोटा में आज तीन महिला जेल प्रहरियों की आंदोलन स्थल पर तबियत बिगड़ गई. महिला जेल प्रहरियों को चक्कर आ गए. इसके बाद  उन्हें उन्हें तत्काल एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं राजस्थान के दूसरे जिलों से भी जेल प्रहरियों की तबियत खराब होने की जानकारी आई है.


100 जेलों की 3 हजार कर्मचारी आंदोलन की राह पर
कोटा सहित राजस्थान की सभी जेलों के कर्मचारी भूख हड़ताल कर रहे हैं. अब तक सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. राजस्थान की 100 से अधिक जेलों के 3 हजार कर्मचारी और जेल प्रहरी भूखे रहकर काम कर रहे हैं. उन्होंने दो दिन से अन्न का त्याग कर दिया है. ऐसे में राजस्थान की जेलों में काम प्रभावित होने लगा है.


वेतन विसंगति सहित कई मांगे पांच साल से लंबित
वेतन विसंगतियों के संबंध में हुए समझौते 2017 का पालन नहीं होने के कारण अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के बैनर तले पूरे राजस्थान के जेल प्रहरी हड़ताल पर हैं.उनकी मांगों पर पिछले पांच साल से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कई बार उच्चाधिकारियों और सरकार को अवगत कराने के बाद भी जब कर्मचारियों की  आवाज नहीं सुनी गई तो उन्होंने आंदोलन का तरीका अख्तीयार किया है. 9 जुलाई 2017 को राज्य सरकार और  कारागार विभाग के अधिकारियों के मध्य कार्मिकों के वेतन संबंधी मामलों में समझौता हुआ था, लेकिन उस समझोते को सरकार लागू नहीं कर रही है.
   
24 साल से चली आ रही है वेतन विसंगति
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत जिला महामंत्री राधेश्याम ने बताया कि हमारे संगठन ने इन्हें पूर्ण समर्थन दिया है.जेल प्रहरियों की मांग 1998 से चली आ रही है. समय-समय पर मांग उठाने के बाद भी कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं. 24 साल से ये विसंगति चली आ रही है,लेकिन सरकार बिना रोए कुछ देती नहीं है. ऐसे में अब जेल प्रहरियों का कहना है कि इस बार आर-पार की लडाई होगी.


Rajasthan Politics: कांग्रेस के किसान सम्मेलनों का आगाज 16 जनवरी से होगा, जाटलैंड में क्यों सक्रिय हो रहे हैं सचिन पायलट