केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल द्वारा दिए गए हाई कोर्ट बेंच के बयान के बाद कोटा में बवाल मच गया है. हाई कोर्ट बेंच और वर्चुअल सेंटर की मांग को लेकर कोटा के वकील पिछले कुछ दिन से आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी ज्ञापन देकर कोटा में वर्चुअल बैंच स्थापित किए जाने की मांग की है.


अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि यदि हाईकोर्ट का वर्चुअल सेंटर बीकानेर में स्थापित होता है तो कोटा में भी होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो आर पार की लड़ाई होगी और कोटा में वकीलों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा. इसकी रणनीति के तहत कोटा बूंदी, बारां और झालावाड़ के वकीलों की एक बैठक मंगलवार को आयोजित की जाएगी और आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.


हाई कोर्ट में बीकानेर से ज्यादा मामले कोटा के 
प्रमोद शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट बेंच का पहला अधिकार कोटा क्षेत्र को है. बीकानेर से ज्यादा मामले हाईकोर्ट में कोटा के विचाराधीन हैं. कोटा और आसपास के क्षेत्र से करीब 500 किलोमीटर दूर से लोग न्याय पाने के लिए जयपुर पहुंचते हैं और वापस आते हैं.


ऐसे में यहां के लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. हाईकोर्ट में कोटा के 40 प्रतिशत मामले विचाराधीन हैं. हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभिभाषक परिषद के महासचिव गोपाल चौबे ने बताया कि कोटा के 98364 मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जबकी बीकानेर के 63600 मामले लंबित हैं.


कोटा में 21 साल से चल रहा आंदोलन 
अभिभाषक परिषद कोटा द्वारा हाई कोर्ट बैंच की कोटा में स्थापना की मांग का आंदोलन 21 वर्षों से किया जा रहा है. हाडौती के आम जन को सस्ता,सरल,शीघ्र न्याय उपलब्ध करवाया जाना सरकार की जिम्मेदारी है. संभाग स्तर पर हाई कोर्ट बैंच की स्थापना कोटा में की जाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है. इस मांग को पूरा करने के लिए हमें उग्र आंदोलन भी करना पड़ा तो करेंगे.


यह भी पढ़ें: Rajasthan Election 2023: इस सीट 2018 में पहली बार गुर्जर समाज का बना विधायक, सबसे अधिक हैं जाट मतदाता