कोटा में डेंगू का प्रकोप इस कदर है कि अब लोगों की जान पर बन आई है. चिकित्सा विभाग के सारे वादे खोकले साबित हो रहे हैं. कोटा में डेंगू से एक और मौत हो गई. इस बार कोचिंग छात्रा की मौत से एक बार फिर प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहे हैं. डेंगू व स्क्रबटाइफस से कोटा में यह पांचवी मौत है. कोटा में डेंगू के बढते प्रभाव और प्रशासन के फेलीयर के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने तो अधिकारियों को बैठक लेकर निर्देशित किया तो वहीं कोटा आई पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने चिंता जाहिर कर चिकित्सकों से बात करने की बात कही है.


 झारखंड निवासी स्टूडेंट की हुई मौत 
कोटा में डेंगू व स्क्रब टायफस से 19 साल की स्नेहा भारती झारखंड के गोड्डा  निवासी की मौत हो गई. जून 2022 से कोटा में रहकर आईआईटी की तैयारी कर रही थी. वर्तमान में वो तलवंडी इलाके में रह रही थी. पिछले 5 दिन से वो चल रही थी जिसका उपचार किया जा रहा था. जांच में उसके डेंगू पाया गया था. 2 दिन पहले तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे इंदिरा विहार स्थित निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया वहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. हॉस्पिटल में जांच के दौरान स्क्रब टायफस भी पॉजिटिव आया. मल्टी आॅर्गन फेलियर होने से उसकी मौत हो गई.


स्टूडेंट्स की हेल्थ का ख्याल रखने के प्रशासन विशेष व्यवस्था करवाए
स्नेहा के पिता झारखंड में बीएसएनल अधिकारी के पद पर कार्यरत है. उन्होंने कहा कि कोटा में देश भर के स्टूडेंट पढ़ाई के लिए आते हैं और सारे कोचिंग वालों की तरफ से स्टूडेंट्स की हेल्थ का ख्याल रखने के प्रशासन विशेष व्यवस्था करवाए. ताकि किसी भी बच्चों को इस तरीके की बीमारी से न गुजरना पड़े. उन्होंने स्टूडेंट्स के परिजनों से आग्रह किया है कि वह बीमारियों को हल्के में नहीं लें.


ताकि जिस तरह उन्होंने अपनी प्यारी बेटी को खोया है, किसी और माता-पिता को ये दिन देखना ना पड़े. कोटा में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है. अब तक कोटा में डेंगू के 330 मामले व स्क्रब टायफस के 73 मरीज सामने आए हैं. हालांकि प्रशासन डेंगू की रोकथाम का दम भर रहा है लेकिन उसकी सभी व्यवस्थाएं इन मौतों के आगे बोनी साबित हो रही है.


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