Rajasthan: रेलवे ने कोर्ट का आदेश नहीं माना तो अधिकारी की कार, फर्नीचर को किया कुर्क, DRM ऑफिस में मचा हड़कंप
Rajasthan News: फरयादी देवेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रेलवे को 6 लाख 37 हजार 312 रुपए नहीं लौटाने पर शुक्रवार को कोर्ट के कर्मचारी कुर्की करने डीआरएम (DRM)ऑफिस पहुंच गए.
Indian Railway News: अधिकारी कोर्ट के फैंसलों को कई बार गंभीरता से नहीं लेते जिसका खामियाजा कई बार वर्तमान में मौजूद अधिकारी को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला कोटा में देखने को मिला जहां एक संवेदक की धरोहर राशि नहीं लौटाए जाने पर कोर्ट ने राशी लौटाए जाने के आदेश दिए. रेलवे के अधिकारियों ने आदेश को गंभीरता से नहीं लिया. न्यायालय (Court) ने तीन बार रेलवे को नोटिस जारी किए लेकिन उसके बाद भी रेलवे के अधिकारी नहीं चेते तो न्यायालय ने रेलवे के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय की कार को कुर्क कर लिया.
लैपटॉप (laptop) और कुर्सी, फर्नीचर को भी कुर्की की कार्रवाई के लिए सेल अमीन को भेज दिया. जिसके बाद क्या था वहां तो हड़कंप मच गया. अफरा तफरी में कई अधिकारी वहां जमा हो गए और शाम तक का समय मांगा. इस दौरान वापस कोर्ट का सहारा लिया गया और 15 दिन की मोहलत मांगी.
15 दिन में फरियादी को लौटानी होगी अमानत राशि
फरयादी देवेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रेलवे को 6 लाख 37 हजार 312 रुपए नहीं लौटाने पर शुक्रवार को कोर्ट के कर्मचारी कुर्की करने डीआरएम (DRM)ऑफिस पहुंच गए. कुर्की कार्रवाई के दौरान रेलवे कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई. सेल आमीन व वकील सहित फरयादी के डीआरएम ऑफिस में पहुंचने से हड़कंप मच गया. सूचना पर तुरंत ही मौके पर सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त संजय चौधरी और अधिकारी जमा हो गए. बाद में अधिकारियों ने मामले में मोहलत मांगी लेकिन मोहलत नहीं मिली और शाम को कोर्ट से 15 दिन की मोहलत मिली और कोर्ट ने 15 दिन में राशि को जमा कराने के लिए कहा है. सीनियर डीसीएम की कार भी कोर्ट की अनुमति के बाद ही छोड़ी गई.
8 साल से रेलवे नहीं दे रही थी धरोहर राशी
ठेकेदार के वकील कन्हैया सोनी ने बताया कि उनके क्लाइंट देवेन्द्र त्रिपाठी ने वाणिज्य विभाग (Commerce Department) में ट्रेनों की पार्सल लीज के ठेका कार्य के लिए रेलवे के पास 7.40 लाख रुपए धरोहर राशि के रूप में जमा कराए थे, लेकिन सुविधाओं के अभाव में काम बीच में बंद कर दिया गया. रेलवे ने ठेकेदार को धरोहर राशि नहीं लौटाई. बाद में मामला वाणिज्य कोर्ट पहुंच गया. यहां करीब 8 साल चले केस के बाद इसी साल 11 फरवरी को कोर्ट ने रेलवे को कुल रकम में से 6.37 लाख रुपए देवेन्द्र त्रिपाठी को लौटाने के आदेश दिए थे.
लेकिन करीब 6 महीने गुजरने के बाद भी रेलवे (railway) ने देवेंद्र को यह राशि नहीं लौटाई. इस दौरान कोर्ट ने मंडल रेल प्रशासन को दो-तीन समन भी जारी किए, लेकिन इसके बाद भी रेलवे ने यह राशि लौटाना जरूरी नहीं समझा.
मजबूरन कोर्ट को रेलवे संपत्ति कुर्की के आदेश देने पड़े. इसी आदेश के तहत कोर्ट के कर्मचारी शुक्रवार (4 अगस्त) की सुबह डीआरएम ऑफिस पहुंचे थे, लेकिन यहां पर अधिकारियों के नहीं मिलने पर शाम को 4 बजे द्वारा कुर्की की कार्रवाई दोबारा शुरू करने की बात कही. इस दौरान रेलवे को कोर्ट से मोहलत मिल गई. सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया.
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