Rajasthan News: जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट एमपी मीना ने एक बेटी के प्रति अपनी गहरी संवेदनशीलता दिखाते हुए हाथों हाथ उसे ऐसी राहत दी कि प्रार्थिया मनीषा भावुक होकर बार बार उनका आभार व्यक्त करने लगी. बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा मनीषा की शिक्षा न रुके इसके लिए जिला कलेक्टर ने तत्काल ही ई मित्र संचालक को छात्रा के बंदी पिता के बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए जेल परिसर भिजवा कर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कराई और एक घंटे में ही प्रार्थिया को राहत दी.


केवाईसी नहीं होने से परिवार को आ रही थी दिक्कत
सीमलिया के कराडिया ग्राम निवासी मनीषा बैरवा परिवार के जनाधार कार्ड की केवाईसी पूर्ण नहीं हो पाने के कारण परेशान थी. क्योंकि उसके पिता आजीवन कारावास सजा में जेल में हैं और आधार में दर्ज मोबाईल नम्बर अब उनके पास नहीं होने के कारण जनाधार में केवाईसी पूर्ण नहीं हो पा रही थी. इस कारण से वह छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पा रही थी. परिवार को भी इस कारण कई तरह की परेशानियां आ रही थी.


कलेक्टर से मिलने की दी सलाह
मनीषा ने जेल प्रशासन के समक्ष अपनी परेशानी बताई तो वहां से उसे जिला कलेक्टर से मिलने की सलाह दी गई. मनीषा जिला कलेक्टर से मिली और अपनी परेशानी बताई तो जिला कलक्टर ने इसको गंभीरता से लेकर संवेदनशील कदम उठाते हुए केन्द्रीय कारागार अधीक्षक को पत्र लिखा. जिसमें उक्त कार्य के लिए कलेक्ट्रेट परिसर के ई-मित्र संचालक लोकेन्द्र सिंह को जेल परिसर में उपस्थित होकर केवाईसी संबंधी कार्रवाई पूर्ण कराने के निर्देश दिए. कुछ ही देर में जेल परिसर में पहुंचकर ई मित्र संचालक द्वारा छात्रा के बंदी पिता के बायोमेट्रिक्स लेकर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की.


जेल में इस तरह की पहली बार की गई केवाईसी 
कुछ ही समय में मिली इस राहत पर छात्रा मनीषा और उसके परिजनों ने बार बार जिला कलेक्टर के प्रति इस कार्य के लिए आभार जताया. ई मित्र संचालक लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके सामने यहां इस तरह का यह पहला उदाहरण है जिसमें जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल परिसर में जाकर केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की गई.


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