Kota News: कोटा के प्रमुख अस्पतालों में समस्या केवल बीमारी की ही नहीं है. यहां अव्यवस्थाओं की बीमारी भी हमेशा बनी रहती है. कोटा संभाग के सबसे बडे मातृ एवं शिशु चिकित्सालय (Hospital) जेके लॉन में अब अस्पताल में पानी भरने की समस्या आ रही है. पानी भी ऐसा मानो झरना बह रहा हो. यह वहीं अस्पताल है जो देश में बच्चों की मौत के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुका था.


जिसके बाद यहां कांग्रेस सरकार ने अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की. लेकिन वह भी रास नहीं आई और अब पहली बरसात के मात्र एक घंटे की बरसात ने इस अस्पताल की अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी. अस्पताल की तीसरी मंजिल पर लिफ्ट से लेकर वार्ड और गैलरी ऐसे टपक रहे थे मानो झरना बह रहा हो.



30 करोड़ की लागत से बनी है नई बिल्डिंग
  
जेके लोन चिकित्सालय में बनाई गई नई बिल्डिंग पहली बार में ही टपकने लगी जिससे मरीज व उनके तीमारदार बेहद परेशान हुए. बताया जा रहा है कि रात को बरसात होने के बाद नई बिल्डिंग के सबसे ऊपर छत पर पानी भर गया और जब इस बिल्डिंग का निर्माण हुआ था, तब का मलबा वहां पड़ा रह गया जिस कारण नालियां चौक हो गई, और पानी टपकने लगा.


निकासी नहीं होने पर आईपीडी के तीसरे फ्लोर पर बारिश का पानी आ गया. इसी फ्लोर पर बच्चों का वार्ड बना है. बारिश का पानी गैलरी व लिफ्ट में आ गया था, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हुआ और छत से पानी की निकासी के लिए छत को साफ करवाया गया. ये बिल्डिंग करीब 30 करोड़ की लागत से बनाई गई थी. जिसमें वर्तमान में आईपीडी व ओपीडी संचालित हैं. आईपीडी मे पीडियाट्रिक के 183 बेड है. हाल ही में इस बिल्डिंग का लोकार्पण किया गया है.


जब इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाई तो निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं?


इस संदर्भ में कुछ मरीज के परिजनों से बात की तो उनका कहना है, कि पानी सुबह से ही टपक रहा था. फॉल सीलिंग में से तो झरने की तरह पानी बह रहा है. वहीं आरोप लगाए जा रहे हैं कि इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाई है तो निकासी की प्रॉपर व्यवस्था क्यों नहीं की गई. नालियां छोटी क्यों बनाई गई. इस मामले की जांच होनी चाहिए. वहीं जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशुतोष ने बताया कि छत पर मलबा पडा था. जिस कारण नालियां चौक हो गई थी जिससे पानी भर गया. उसे हटवा दिया गया है समस्या का समाधन कर दिया है.


ये भी पढ़ें- Rajasthan: वेतन वृद्धि को लेकर जेल प्रहरियों की भूख हड़ताल जारी, तबियत बिगड़ने से 500 से अधिक अस्पताल में भर्ती