Rajasthan Merta Jeera: राजस्थान (Rajasthan) के मेड़ता के जीरे (Cumin) की महक किर्गिस्तान और रूस तक पहुंच चुकी है. सिर्फ भारत (India) ही नहीं विदेशों में भी यहां के जीरे की धमक है. पूरे देश में मेड़ता क्षेत्र में पैदा होने वाले जीरे की अपनी एक विशेष पहचान है. क्वालिटी के मामले में इसका कोई मुकाबला नहीं. यही वजह है कि विदेशों में भी मेड़ता के जीरे की डिमांड इस कदर बढ़ गई है कि अब वहां के व्यापारी यहां से जीरा खरीदने के लिए सीधे मेड़ता मंडी (Merta Mandi) तक पहुंचने लग गए हैं.

 

किए गए हैं प्रयास 

इस कड़ी में मेड़ता कृषि उपज मंडी में किर्गिस्तान और अफगानिस्तान के व्यापारी पहुंचे. वो यहां मंडी प्रशासन, मंडी के व्यापारी और किसानों से मिले. इस दौरान जीरे की बुआई से लेकर उसके मंडी पहुंचने और वहां से जीरा मिलों में इसके सफाई के पूरे प्रोसेस की जानकारी ली. मंडी प्रशासन ने सरकार की ई-नाम योजना को इतना बढ़ावा दिया कि अब विदेशों के व्यापारी भी सीधे यहां से कनेक्ट होने लगे हैं. दरअसल मेड़ता मंडी को ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करने में मंडी सचिव राजेंद्र कुमार रियाड़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्हीं के प्रयासों से मंडी के ऑनलाइन सिस्टम को लेकर अलग से एक टीम काम कर रही है और अब इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.

 

"मेड़ता मंडी जैसा जीरा कहीं नहीं"

किर्गिस्तान के व्यापारी शोहरत और शोकुत के अलावा अफगानिस्तान के मोहम्मद उमर के सात-साथ रूस से आए व्यापारियों ने कहा कि मेड़ता मंडी जैसा जीरा कहीं नहीं है. इसका स्वाद इतना लजीज कि हमारे वहां सिर्फ इसी की डिमांड है. यही वजह है कि जीरे की सीधी आपूर्ति हमें मिल सके, इसलिए यहां आए हैं. हम दूसरे देशों के जरिए भारत का जीरा तो पहले से मंगवा रहे थे, मगर मंडी के ऑनलाइन होने से हमें मेड़ता के जीरे के बारे में मालूम हुआ और इसकी खुशबू के हम दीवाने हैं.

 

व्यापारियों ने की व्यापार सिस्टम की तारीफ

कोटपुतली के मनीष चौधरी ने किर्गिस्तान और रूस से आए व्यापारियों को रशियन भाषा में यहां की मंडी और जीरा इकाइयों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने विदेशी व्यापारियों को यहां की मसाला फसलों को लेकर जानकारी दी. इस दौरान विदेशी व्यापारियों को स्थानीय इंडस्ट्रीज दिखाई गई. उन्होंने खुद माल बिकने का प्रोसेस और पारदर्शी भुगतान की प्रक्रिया भी देखी. यह सब देख उन्होंने यहां के पूरे व्यापार सिस्टम की प्रशंसा की.

 

पहले दुबई के जरिए खरीदते थे भारतीय जीरा

रशिया, किर्गिस्तान और अफगान व्यापारियों ने बताया कि वह पहले दुबई के जरिए भारतीय जीरा खरीदते थे, मगर अब वह सीधे भारतीय व्यापारियों से जीरा खरीदना चाहते हैं. भारत में भी खासतौर से मेड़ता क्षेत्र का जीरा उनके बीच पहली पसंद बना हुआ है. अब वहां के व्यापारियों ने किसानों के घरों में स्टॉक किया हुआ जीरा और उसके ट्रैक्टरों से मंडी तक के सफर के साथ-साथ यहां से जीरा इकाइयों तक पहुंचने के अलावा जीरे के साफ होने की पूरी प्रोसेस देखी है, जिसे देखकर वे बेहद प्रसन्न हुए.

 

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