Udaipur News: इन दो झीलों का पानी नहाने के लायक भी नहीं, इसी को पीने के लिए मजबूर हो रहे लोग
Rajasthan News: उदयपुर शहर की खूबसूरती वहां की झीलें हैं, लेकिन आरटीआई रिपोर्ट के मुताबिक यहां के झीलों का पानी बहुत ही गंदा है. किसी झील का पानी पीने योग्य नहीं है तो किसी का नहाने योग्य नहीं है.
Udaipur Lake News: दुनिया की खूबसूरत शहरों में सुमार राजस्थान का उदयपुर (Udaipur) शहर जिसकी खूबसूरती यहां की झीलें हैं. यह खूबसूरती के साथ-साथ यहां की झीलें लोगों की प्यास भी बुझा रही हैं. इसमें पिछोला झील सबसे उपयोगी है, लेकिन एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसका पानी नहाने योग्य भी नहीं है, जबकि इसी पानी को शहर के पौने दो लाख लोग पी रहे हैं. यही नहीं इसी के पास शहर के बीच स्थिति फतहसागर की झील का पानी नहाने योग्य तो है लेकिन पीने योग्य नहीं है. झील संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्थाएं कई बार इसकी शिकायत कर चुकी हैं लेकिन इसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. रिपोर्ट में इसके कारणों को लेकर भी कई खुलासे हुए हैं.
RTI रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
पिछोला झील में कई जेठिया लगी है यानी इन्हीं जगहों से होटल के लिए बोट संचालित होती है. राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन्हीं जेठीयों के पास से करीब 4 माह पहले पानी के सैम्पल लिए थे. सैम्पल टेस्टिंग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई तो झील प्रेमी ज्ञान प्रकाश सोनी ने आरटीआई लगाई. जब आरटीआई की रिपोर्ट सामने आई तो सभी चौंक गए. रिपोर्ट में लिखा है कि बायोकैमिकल ऑक्सीजन का लेवल 2 होना चाहिए और नहाने के लिए 3 होना चाहिए, लेकिन पिछोला झील का पानी 4 से ज्यादा है.
वहीं फतहसागर का पानी 3 के करीब है. यानी पिछोला झील का पानी इतना दूषित है कि नहाने योग्य भी नहीं है. वहीं फतहसागर का नहाने योग्य तो है लेकिन पीने योग्य बिल्कुल भी नहीं है. ऐसे में सोच सकते हैं कि रोजाना लाखों लोग जहरीला पानी पी रहे हैं.
बोटिंग पानी के लिए खतरनाक
रिपोर्ट में बताया कि पिछोला झील में करीब 80 नावें चल रही है और पिछोला में 2 नावें चल रही है. ऐसे में पिछोला काफी दूषित हो गई है और बोटिंग के लिए पानी के लिए खतरनाक है. झील संरक्षण समिति के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि उदयपुर की झीलों का पानी हम सभी नगरवासियों को पीने के लिए सप्लाई किया जाता है. उन्होंने कहा कि पीने के पानी में तेल-ग्रीस आदी मिलना हम सभी के लिए चिंताजनक है. पानी में घुलनशील आक्सीजन की कमी होना सभी प्रकार के जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ेगा, जीवों में बेचैनी घबराहट होती है. उन्होंने आगे कहा कि पीने के पानी की शुद्धता को बनाए रखना आवश्यक है, इसलिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा तभी बहुमूल्य पानी गुणवत्ता खराब होने से बेचेगी.