Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने के बाद सबकी नजरें अब टिकी हैं कि कांग्रेस किसे नेता प्रतिपक्ष बनाती है. इस पर राजस्थान की राजधानी जयपुर और दिल्ली में आलाकमान के साथ मंथन और चिंतन हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि नाम फाइनल हो चुका है बस उन्हें इंतजार है कि भारतीय जनता पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाती है. उसी जाति के आधार पर कांग्रेस अपने नेता प्रतिपक्ष के नाम को आगे करेगी.
दो बड़ी जातियों को साधने की तैयारी
राजस्थान में कांग्रेस जाट और गुर्जर को साधने की पूरी तैयारी में है. क्योंकि, 2018 में विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की जब सरकार बनी थी उसमें जाट गुर्जरों की बड़ी भूमिका मानी जा रही थी. इसलिए नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर इन्हीं दोनों जातियों को फिर से कांग्रेस साधना चाहती है. रामेश्वर डूडी जब यहां पर नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे, तब उस समय सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष थे. इसलिए इस बार भी इसी पैमाने पर कांग्रेस आगे बढ़ना चाहती है. हालांकि, अभी कुछ साफ नहीं हुआ है. सूत्रों का कहना है इस पर आलाकमान की मुहर लगनी बाकी है. मगर, जातियों को साधने के लिए कांग्रेस पूरी मेहनत कर रही है. इस बार जातियों को लेकर कांग्रेस आलाकमान थोड़ा समय लेना चाह रहा है.
इन नामों की चर्चा
नेता प्रतिपक्ष के नाम पर हरीश चौधरी, सचिन पायलट दोनों की चर्चा हो रही है. सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हरीश चौधरी को नेता प्रतिपक्ष रूप में बनाया जा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सचिन पायलट नेता प्रतिपक्ष और हरीश चौधरी को अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. इस पर काम शुरू हो गया है. इस बार किसी महिला के नाम पर भी चर्चा हो रही है. यहां पर महिला आरक्षण के बाद कांग्रेस पार्टी नया प्रयोग कर सकती है.
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