Truth related to the spear of Maharana Pratap: महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के भाले को लेकर हमने खूब कहानियां पढ़ी हैं, लेकिन इन कहानियों की आड़ में महाराणा के भाले (Spear) को लेकर कई झूठे किस्से भी लोगों को बताए गए. आज हम आपको बताएंगे उनके भाले का सच, जो शायद ही आपने पहले सुना हो. जब महाराणा प्रताप का जिक्र आता है तो उनके भाले के वजन की चर्चा जरूर होती है.


कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनके भाले का वजन 81 किलो था, जबकि उनकी छाती के कवच का वजन 72 किलो था. कुछ रिपोर्ट कहती हैं कि उनके कवच, भाले और ढाल का कुल वजन 208 किलो था. राणा के चाहने वालों में हमेशा इस बात को जानने की उत्सुकता रहती है कि आखिर वो इतने वजन के साथ जंग के मैदान में कैसे उतरते थे.


आखिर क्या है इसकी सच्चाई
दरअसल आपने अभी तक उनके भाले, कवच, तलवारों और ढाल के वजन के बारे में जो कुछ भी पढ़ा है, उसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनके भाले का वजन काफी कम था. इस बात की सही जानकारी उदयपुर में बने सिटी पैलैस म्यूजियम में मिलती है.


इस म्यूजियम में एक बोर्ड लगा है जिसमें बताया गया है कि कि महाराणा के निजी अस्त्र शस्त्र का कुल वजन 35 किलो ग्राम था. कुल 35 किलो वजन को घोड़े पर लादकर वह जंग के मैदान में जाते थे. ऐसा माना जाता है कि उनके भाले का वजन लगभग 17 किलो था. उदयपुर एटीओ  (असिस्टेंट ट्यूरिज्म ऑफिसर) जितेंद्र मााली ने भी टीवी9 से बातचीत में यही बताया कि उनके अस्त्र शस्त्र का कुल वजन 35 किलो था.


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