Rajasthan Lok Sabha Election: जोधपुर सीट क्यों मानी जाती है 'लकी'? जीतने वाले को दिल्ली में मिलता है खास 'ईनाम'
Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: जोधपुर की आम जनता ने अब तक 11 चेहरों को जोधपुर से जीतकर संसद भेजा है. जिनमें से 6 नए चेहरे थे. तो पांच जाने पहचाने चेहरे थे.
Rajasthan Lok Sabha Elections: राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में जोधपुर लोकसभा सीट बहुत लकी मानी जाती है. इस सीट को लेकर माना जाता है कि जो भी यहां से जीता है. उसको दिल्ली में बड़ा पद मिलता है. जोधपुर लोकसभा सीट से जीतकर जाने वाले सांसद वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, संस्कृति मंत्री, कृषि मंत्री व जलशक्ति मंत्री बने हैं. जोधपुर लोकसभा सीट पर पिछले 72 साल में 17 चुनाव हो चुके हैं.
जोधपुर की आम जनता ने अब तक 11 चेहरों को जोधपुर से जीतकर संसद भेजा है. जिनमें से 6 नए चेहरे थे. तो पांच जाने पहचाने चेहरे थे. जोधपुर लोकसभा सीट से नए चेहरे की जीत का दावा आजादी के बाद से ही किया जा रहा है. लेकिन कई बार यह भविष्यवाणी फेल भी रही है. जिसको को कई नेताओं ने झुठला दिया है. अशोक गहलोत पांच बार जीते केंद्र में मंत्री भी बने. जसवंत राज मेहता जसवंत सिंह बिश्नोई व गजेंद्र सिंह शेखावत दो दो बार जीते. यह भी केंद्र में मंत्री बने है.
'मैं थांसू दूर नहीं' एक लाइन ने बदला माहौल
जोधपुर लोकसभा सीट से पहले लोकसभा चुनाव में महाराज हनुवंत सिंह और कांग्रेस के नूरी मोहम्मद यासीन के बीच हुआ था. महाराज हनुवंत सिंह ने जनता के बीच जाकर कहा था. 'मैं थांसू दूर नहीं' इस एक लाइन ने माहौल बदल दिया. इस बात से प्रभावित होकर जनता ने उन्हें पूरा आशीर्वाद दिया था. महाराज हनुवंत सिंह ने प्रचंड मतों से जीत हासिल की थी.
अशोक गहलोत ने पांच जीत हासिल की केंद्र में मंत्री भी बने
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में पहली बार चुनाव 1977 में सरदारपुर से विधायक का लड़ा था. लेकिन इसमें उन्हें 4000 मतों से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद में 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए हुए मध्यवर्ती चुनाव में पहली बार सांसद चुनाव जीते इसके बाद आठवीं लोकसभा चुनाव जीते लेकिन 9वी में हार गए 10वीं 11वीं और 12वीं लोकसभा का चुनाव लगातार जीते थे. हर बार अशोक गहलोत केंद्र में मंत्री बने.
जसवंत सिंह जसोल विदेश मंत्री व वित्त मंत्री
जसवंत सिंह जसोल बोफोर्स घोटाले पर सवार होकर संसद पहुंचे थे. 1999 में बोफोर्स घोटाले ने कांग्रेस की जमीन छीन ली थी. चुनाव में भाजपा ने नए चेहरे को पूर्व नरेश गजसिंह के नजदीकी सेना से रिटायर जसवंत सिंह जसोल को दो बार चुनाव जीतने वाले अशोक गहलोत के सामने उतरा. जसवंत सिंह जसोल ने यह चुनाव 66 हजार से ज्यादा मतों से जीत पहली बार जोधपुर को भाजपा की झोली में डाला. उन्हें केंद्र में विदेश मंत्री व वित्त मंत्री बनाया गया.
चंद्रेश कुमारी में केंद्र संस्कृति मंत्री बनीं
चंद्रेश कुमारी पिता और मां की जीत के 38 साल बाद राजघराने की जीत परिसीमन के बाद 2009 में राजपूत बाहुल्य क्षेत्र होने से कांग्रेस ने राजघराने की बेटी चंद्रेश कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया. उन्होंने भाजपा से दो चुनाव जीतने वाले जसवंत सिंह बिश्नोई को करीब एक लाख वोटो से हराया था. इस जीत के बाद चंद्रेश कुमारी को केंद्र संस्कृति मंत्री बनाया गया. चंद्रेश कुमारी के पिता महाराज हनुवंत सिंह व बाद में 1971 में माता कृष्णा कुमारी भी सांसद रह चुकी है.
गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बने
गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2014 के लोकसभा चुनाव में राज परिवार की बेटी चंद्रेश कुमारी को भारी मतों के अंतर से हराकर सांसद बने. इस जीत के बाद एक बार फिर भाजपा की झोली में जोधपुर आया. इस जीत के बाद उन्हें केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाया गया.
गजेंद्र सिंह शेखावत जलशक्ति मंत्री बने
गजेंद्र सिंह शेखावत को 2019 में दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतरा गया. इस समय शेखावत का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से हुआ शेखावत ने 274000 वोटो से वह गलत को हराकर जीत हासिल की इस जीत के बाद उन्हें केंद्र में जल शक्ति मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया.
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