Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी एक-एक सीट पर मजबूत तैयारी कर रही है. उन सभी सीटों पर पहले नाम घोषित किये जाएंगे, जहां पर तीन सांसद अब विधायक बन गए हैं. ऐसे में जातिगत समीकरण पर पूरा फोकस है.
राजसमंद, अलवर और जयपुर ग्रामीण पर सबसे पहले नामों की घोषणा होगी. सूत्रों का कहना है कि राजसमंद, अलवर और जयपुर ग्रामीण पर पूरा काम हो चुका है. इन सीटों पर कुछ दिन पहले एक सर्वे भी कराया गया है. इसलिए जिन नामों पर ज्यादा चर्चा हुई है, उसे ही फाइनल ही माना जा रहा है. चूंकि, जातिगत के साथ ही साथ प्रत्याशी का संगठन में क्या स्थिति है, उसपर भी नजर है. सूत्रों के अनुसार राजसमंद, अलवर और जयपुर ग्रामीण का नाम पहले हैं.
राजसमंद लोकसभा सीट से दिया कुमारी सांसद थीं. अब वो राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. राजसमंद सीट पर बड़े क्षत्रिय चेहरे के रूप में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम सबसे आगे है. चूंकि, विधान सभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ तारानगर विधान सभा सीट से हार गए थे. इसलिए उनकी उपस्थिति न तो सरकार में और न ही संगठन में है. प्रदेश में क्षत्रिय वोटर्स को बड़ा संदेश देने के लिए राजेंद्र राठौड़ को यहां से मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है. जिस तरीके से विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी की जगह दिया कुमारी को उतारा गया था. उसी तरह से दिया कुमारी जगह राजेंद्र राठौड़ का नाम आगे है. सूत्रों का कहना है यहां पर बीजेपी जातिगत समीकरण पर कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी. पार्टी की तरफ से यहां पर भेजे गए दल के सर्वे में भी राठौड़ का ही नाम आया है.
जयपुर ग्रामीण सीट की स्थिति ?
जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से दो बार राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सांसद रहे हैं. अब उन्हें राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इस सीट पर भी बीजेपी की तरफ से इंटरनल सर्वे हो चुका है. जिसमें क्षत्रिय चेहरे के रूप में बीजेपी में उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी का नाम सबसे आगे है. बगड़ी पिछले 20 सालों से पार्टी में काम कर रहे हैं. यहां पर बीजेपी क्षत्रिय चेहरे को पिछले तीन चुनाव से टिकट दे रही है. जयपुर ग्रामीण में तीन लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत रही है. चूंकि, विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काट कर क्षत्रिय चेहरा राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया था.
अलवर सीट की स्थिति ?
अलवर लोकसभा सीट से बाबा बालक नाथ सांसद थे. अब वो तिजारा से विधायक हैं. अलवर सीट पर बीजेपी यादव को ही टिकट दे सकती है. क्योंकि, यहां पर यादव वोटरों की भूमिका मजबूत है. पिछले कई चुनाव देखें तो यहां से यादव ही चुनाव जीत कर गए हैं. सूत्रों की माने तो यहां पर बीजेपी की तरफ से जो इंटरनल सर्वे हुआ है उसमें किशनगढ़ बास से दो बार विधायक रहे रामहेत सिंह यादव का नाम सबसे आगे है. रामहेत इस बार विधानसभा का चुनाव हार गए हैं. चूंकि, यहां पर भी पार्टी कोई प्रयोग नहीं करना चाह रही है.
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