Rajasthan Lok Sabha Elections: 'कांग्रेस ने भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान को दे किया पाप', गजेंद्र शेखावत का दावा
Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक देश में लोकतंत्र अब नहीं पहले खतरे में था, जब देश में भ्रष्टाचारियों का शासन था. देश को बांटने वाले राज कर रहे थे.
Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत शुक्रवार को भारत पाक सीमा पर बसे गांवों के लोगों के बीच पहुंचे. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा, "कांग्रेस के राहुल गांधी, अशोक गहलोत समेत सभी नेता कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन सच यह है कि लोकतंत्र खतरे में उस समय था, जब देश में भ्रष्टाचारियों का शासन था."
पिछले 10 सालों में लोकतंत्र में लोगों का विश्वास ज्यादा बढ़ा है. देश के गरीब को यह लगने लगा है कि देश में अब उनकी चिंता करने वाली सरकार है.
कांग्रेस ने पाकिस्तान का किया पोषण
भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत ने बढ़ा हमला करते हुए. कांग्रेस पर पाकिस्तान को ज्यादा पानी देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने देश के हित में निर्णय नहीं लिया. बंटवारे में भारत को 82% और पाकिस्तान को 18% जमीन मिली थी. जमीन के हिसाब से पानी का बंटवारा होना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस ने पाकिस्तान को 82% पानी दिया था. भारत को केवल 18% पानी मिला था. इस पाप के जरिए कांग्रेस ने देश की पीढ़ियों को बर्बाद करने का काम किया.
पीएम दुनिया भर में बज रहा है डंका
भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश की स्थिति यह थी कि जैसे बाढ़ की मेढ़ को खा रही थी. देश की जनता को यह लगने लगा था कि जिन लोगों को हम चुन कर भेजते हैं. वह लोग हमारे संसाधनों पर डाका डाल रहे हैं. गरीबों के लिए आवंटित होने वाले धन से एक परिवार को घोषित करने का काम किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. शेखावत ने कहा कि भारत में पहले कहीं पर भी आतंकवादी घटना होती थी तो सरकार संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखती थी, लेकिन आज की स्थिति यह है कि रूस यूक्रेन के बीच युद्ध होने पर संयुक्त राष्ट्र चिट्ठी लिखता है कि अगर इस युद्ध को कोई रोक सकता है, तो वो भारत है. पीएम मोदी के दम पर ही यूक्रेन में फंसे 27 हजार भारतीय छात्रों को वहां से निकालना मुमकिन हुआ.