Rajasthan Lok Sabha Preparations: विधानसभा हुए और अब लोकसभा चुनाव आने वाले. केंद्र में अपनी सरकार बनाने के लिए केंद्र, राज्य से लेकर हर एक सीट को लेकर सभी पार्टियों की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी बीच विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर अपना वर्चस्व बनाने वाली भारत आदिवासी पार्टी ने 12 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. इसके बाद मेवाड़ - वागड़ ने चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी ने भी लोकसभा में प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है. जानिए क्या और कितना है प्रभाव.
मेवाड़ और वागड़ में लोकसभा सीटों की बात की तो 28 विधानसभा पर कुल 4 सीटें हैं. इसमें बांसवाड़ा और उदयपुर सीट जनजाति आरक्षित साइट हैं. अब तक जितने भी लोकसभा चुनाव हुए, आमने सामने की टक्कर बीजेपी और कांग्रेस की हुई है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (गुजरात मुख्यालय) ने कदम रखा और दो सीटों पर विजय प्राप्त की. इसके बाद हालही हुए विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी में विवाद हुआ.
दोनों विधायक अलग हुए और नई पार्टी बनाई जिसका नाम रखा भारत आदिवासी पार्टी. इस चुनाव में दोनों ने अपने प्रत्याशी खड़े किए. भारत आदिवासी पार्टी ने 3 सीटों पर विजय प्राप्त की और भारतीय ट्राइबल पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं जीता. हालही प्रत्याशियों का वोटिंग प्रतिशत अच्छा रहा. ऐसे में देखा जाए तो दोनों ही पार्टियों का प्रभुत्व आदिवासी वोटर्स में काफी है.
बीजेपी और कांग्रेस के लिया संकट
अभी तो उदयपुर और बांसवाड़ा दोनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी सांसद है लेकिन यहां दोनों पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का गणित बिगड़ सकती है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स काफी हद तक इनकी तरफ मुड़ा है. मेवाड़ वागड़ की 28 विधानसभा सीटों में से 16 पर आदिवासी वोटरों का प्रभाव है.
क्या कहते है पार्टियों के अध्यक्ष
भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय मोहनलाल रोत ने एबीपी को कहा कि पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है. अब यह जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत प्रत्याशियों का चयन करेंगे. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वेला राम घोघरा ने कहा कि उदयपुर और बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है. इसकी तैयारी चल रही है.
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