Rajasthan News: जोधपुर (Jodhpur) के कीर्तिनगर (kirtinagar) में शनिवार को हुए हृदय विदारक हादसे में पांच लोगों की मौत पर प्रशासन अब सर्तक होता दिख रहा है. अवैध रूप से गैस रिफिलिंग (Illegal Gas Refilling) करने वालों पर नकेल कसी जा रही है. प्रशासन की कार्रवाई के बाद अवैध रूप से गैस रिफिलिंग करने वाले कई लोग तो अंडरग्राउंड हो गए हैं. अवैध दुकानों के बंद होने से अब एलपीजी से संचालित ऑटो एवं अन्य वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऑटो चालकों के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. घंटों लाइन में लग कर भी गाड़ियों में गैस नहीं भरी जा रही है. पेट्रोल पंपों पर ऑटो की एक किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुई हैं.
जोधपुर में एलपीजी से चलने वाले 7 से 8 हजार ऑटो
बता तें कि जोधपुर शहर में एलपीजी गैस से चलने वाले करीब 7 से 8 हजार ऑटो हैं जबकि शहर में सिर्फ 1 पंप चालू है. डीजल शेड रोड पर आज सुबह से ही गैस चालित ऑटो की लंबी कतार देखी गई. ऑटो चालक गाड़ियों में गैस भरवाने के लिए आतुर देखे गए, मगर यहां पेट्रोल पंप पर एलपीजी का स्टॉक ही खत्म हो गया. इससे पता चलता है कि शहर में गैस का अवैध कारोबार किस कदर फैला हुआ है.
हजारों लीटर खपत बढ़ी
जानकारी के अनुसार अवैध कारोबार के बंद होने के बाद एक पंप पर ही करीब तीन हजार लीटर खपत बढ़ गई है. यानि अब तक इतने लोग अवैध रूप से अपने ऑटो में घरेलू गैस भरवा रहे थे. बता दें कि कीर्तिनगर में शनिवार को अवैध तरीके से गैस रिफिलिंग करने के दौरान आग लगने व धमाके होने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग झुलस गए थे, इसके बाद पुलिस ने अवैध रिफिलिंग के खिलाफ शहर में अभियान छेड़ दिया. ऐसे में अवैध रिफिलिंग करने वाले सारे लोग अपना कारोबार बंद कर बैठ गए. इस कारण सारा दबाव एलपीजी पंप पर बढ़ गया. दोपहर तक ऑटो चालकों की लंबी कतारें पेट्रोल पंप पर नजर आईं. एलपीजी खत्म होने से जिनमें से कई लोगों को एलपीजी नहीं मिली.
ऑटो चालकों के सामने मंडराया रोजी रोटी का संकट
वहीं, ऑटो रिक्शा मालिकों का कहना है कि पहले एलपीजी से चलने वाले ऑटो रिक्शा बेचे गए, सरकार ने कोई प्रबंध नहीं किया अब हमारे सामने संकट आ गया है. ना तो स्कूल की बंदी छोड़ पा रहे हैं और ना ही कुछ काम कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम घंटों लाइन में खड़े होकर गैस भरवाने की जुगत में लगे हुए हैं. सरकार को इस ओर कदम उठाना चाहिए क्योंकि हमारी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है. यदि संकट का समाधान नहीं हुआ तो यह दिवाली हमारी काली हो जाएगी.
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