मकर संक्रांति पर उदयपुर के अब्दुल कादिर ने किया हैरान करने वाला कारनामा, एक ही डोर पर उड़ाई 700 पतंगें
Udaipur News: उदयपुर के अब्दुल कादिर ने बताया कि, मकर संक्रांति के पर्व पर इस वर्ष एक ही डोर से 700 पतंगें उड़ाई हैं. अब एक ही डोर पर 3000 पतंगों को उड़ाने की कोशिश की जाएगी.
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के पर्व को लोगों ने कई अलग-अलग अंदाज में सेलिब्रेट किया. इस खास मौके पर राष्ट्रीय पतंगबाजी प्रतियोगिता के विजेता उदयपुर के अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) ने अलग ही कारनामा कर दिखाया है. उन्होंने फतहसागर की झील के किनारे एक ही डोर से 700 पतंगों (Kites) को आसमान में उड़ाया. उनका ये कारनामा देखकर लोग हैरत में पड़ गए. यही नहीं उन्होंने पतंगों पर मैसेज भी दिए जिसमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालना करने, मास्क लगाने, देशभक्ति से जुड़ें, कोरोना वैक्सीन है जरूरी समेत तमाम स्लोगन लिखे हुए थे.
20 वर्षों से उड़ा रहे हैं पतंग
इस खास मौके पर शहर के कई बच्चे और युवा उपस्थित थे. उड़ाई गई पतंगों में सबसे बड़ी सीख थी सोशल डिस्टेंसिंग जो कोरोना काल में बेहद जरूरी है. अब्दुल ने प्रत्येक पतंग के बीच एक फीट की दूरी रखी थी. लेकसिटी काइट क्लब पतंगबाज अब्दुल कादिर ने एबीपी से बात करते हुए बताया कि वो पतंग उड़ाने का काम पिछले 20 वर्षों से कर रहे हैं. देश के कई राज्यों में हुई प्रतियोगिता में भाग लिया है. दिसंबर में केरल में राष्ट्रीय पतंगबाजी प्रतियोगिता हुई थी. वहां एक डोर पर 300 पतंग उड़ाई थी. वहां के पर्यटन विभाग से प्रथम पुरस्कार भी मिला था.
3000 पतंगों को एक साथ उड़ाने की है प्लानिंग
अब्दुल कादिर ने बताया कि, मकर संक्रांति के पर्व पर इस वर्ष एक ही डोर से 700 पतंगें उड़ाई हैं. अब एक ही डोर पर 3000 पतंग उड़ाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि एक ही डोर पर इतनी पतंग उड़ने के पीछे तकनीक है. ऊपर वाली लकड़ी पतली होनी चाहिए जिससे हवा में ऊंचाई मिल सके और सीधी लगने वाली लकड़ी मोटी होनी चाहिए जिससे हवा में बैलेंस हो. साथ ही तन्नी लकड़ी में छेद कर ही बांधी जाती है. इसके बाद रेशम की मजबूत डोर पर डोर से ही पतंगों को एक-एक फीट की दूरी पर बांधते हैं. उड़ाने के लिए मध्यम गति की हवा चलना भी जरूरी है. उन्होंने बताया की सभी पतंगों को वो खुद बनाते हैं.
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