Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) गुंडे बदमाश व अपराधियों में पुलिस का डर कहीं नजर नहीं आ रहा है. गुंडे-बदमाश किसी भी तरह की वारदात को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे है. बासनी रेलवे स्टेशन के पार्किंग के पास दो दिन पहले हुए झगड़े में कुछ युवकों ने लाठी डंडों से पीट-पीट कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी. मौके पर मौजूद लोगों ने बीच बचाव तक नहीं किया. सभी लोग मूक दर्शक बन कर देखते रहे और मोबाइल से वीडियो बनाते रहे. इस वारदात का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने हत्यारों को वीडियो के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया.
जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट पुलिस उपायुक्त नरेंद्र दायमा के अनुसार, यूपी के आजमगढ़ के शिकारगढ़ के तिरुपति विहार निवासी रणविजय 48 वर्षीय पुत्र उदय राज यादव की हत्या की गई. उसके भाई दुर्ग विजय सिंह यादव की रिपोर्ट पर ई-मित्र संचालक देव शर्मा व उसके आधा दर्जन साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया. मृतक का एम्स में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है. पुलिस को सीसीटीवी फुटेज के साथ ही हत्याकांड का वायरल वीडियो भी मिला है.
इन लोगों को किया गिरफ्तार
एडीसीपी चंचल मिश्रा, आरपीएस शिवम जोशी के निर्देशन में थानाधिकारी शरीफ खान के नेतृत्व में पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की. इसके बाद इस मामले में आधा दर्जन युवकों को गिरफ्तार किया है. रामेश्वर नगर निवासी देव शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा, राहुल वैष्णव पुत्र श्रवणराम वैष्णव, मनीष कुमार पुत्र मनोज कुमार, सुकांत सिंह पुत्र सूर्यकुमार, निक्की कुमार पुत्र संतोष कुमार, मोहित पुत्र मनोज कुमार को गिरफ्तार किया है
मूकदर्शक बने लोग
दरअसल, मृतक रणविजय यादव कुछ समय पहले तक प्रोविजन स्टोर चलता था. बुधवार को बासनी रेलवे स्टेशन के सामने एक दुकान के पास उसका देव शर्मा से विवाद हुआ था. इसको लेकर देव शर्मा व उसके साथियों ने उसकी हत्या की. रणविजय गुरुवर की शाम बासनी रेलवे स्टेशन के बाहर पार्किंग में बैठा था. उसी दौरान वहां ई मित्र संचालक देव शर्मा अपने साथियों के साथ आया और रणविजय से झगड़ा करने लाग. साथ ही रणविजय पर लाठी डंडों से जानलेवा हमला किया. इसके बाद आरोपियों ने रणविजय को घायल अवस्था में सड़क पर छोड़कर मौके से भाग गए. वहीं इस हमले के दौरान रेलवे स्टेशन के बाहर कुछ लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने बीच बचाव नहीं किया और वीडियो बनाते रहे. घायल हालत में विजय ने अपने भाई को सूचना दी, लेकिन कुछ देर बाद घायल रणविजय की मौत हो गई.