राजस्थान में हीट स्ट्रोक से नहीं हुई एक भी मौत, दो दिवसीय बैठक से पहले स्वास्थ्य विभाग का बड़ा दावा
Rajasthan Heatwave: राजस्थान के कई जिलों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग ने मौसमी बीमारियों और गर्मी से होने आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम बनाया है.
Rajasthan News Today: राजस्थान में हीटवेव को लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है. इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में हीटवेव प्रबंधन और मौसमी बीमारियों को लेकर 27-28 मई को उच्च स्तरीय बैठक कर इसकी समीक्षा करेंगे.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 27 मई को आयोजित होने वाली बैठक में राज्य स्तर के साथ ही जोनल स्तर के अधिकारी भी भाग लेंगे. इस बैठक में हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में की गई तैयारियों और गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी. इसी तरह 28 मई को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी.
'हीट स्ट्रोक से नहीं हुई कोई मौत'
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि प्रदेश में अब तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत नहीं हुई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को सभी परिस्थितियों में बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है.
अस्पतालों में हीटस्ट्रोक से संदिग्ध और कन्फर्म मौत के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए केंद्र सरकार ने निर्धारित प्रोटोकॉल को लेकर व्यापक स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके अलावा डेथ ऑडिट कमेटी के जरिये केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल के निर्धारित मानकों के अनुसार जांच के बाद ही हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. इस प्रोटोकॉल के मुताबिक, फिलहाल एक भी मौत अभी तक हीट स्ट्रोक से नहीं हुई है.
क्या है हीटवेव की स्थिति?
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मुख्य सचिव और विभिन्न विभागों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने बताया कि प्रदेश में बीते 1 मार्च से 25 मई 2024 की सुबह 10 बजे तक चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन स्थिति में करीब 82 हजार रोगी आए. इनमें से 2243 मरीज हीट स्ट्रोक के थे.
शुभ्रा सिंह के मुताबिक, केंद्र सरकार के जरिये निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक, प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. विभाग ने प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित मानकों के मुताबिक ही डेथ ऑडिट रिपोर्ट जारी की है. हालांकि कोटा और जयपुर में एक-एक मौत हीट स्ट्रोक जैसी संदिग्थ श्रेणियों में मानी गई है.
हीटवेव को लेकर बनाए गए इमरजेंसी कंट्रोल रुप
जांच के बाद डेथ ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों मौतों की वजह हीट स्ट्रोक को नहीं माना है. कंट्रोल रूम स्थापिक करने को लेकर अतिरिक्त सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 घंटे (24×7) चलने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया. कोई भी व्यक्ति स्टेट कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 0141-2225000 पर संपर्क कर जरुरी मदद हासिल कर सकता है.
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