Pilot Project: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मिड डे मील का खाना अब पौष्टिक और स्वादिष्ट होगा. इसके लिए तकनीकी का सहयोग लिया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वपूर्ण योजना के तहत खास तौर से डिजिटल मॉनिटरिंग की जाएगी और पौष्टिकता का ख्याल रखा जायेगा. राजस्थान के सरकारी स्कूलों में परोसे जाने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार अब तकनीक का सहारा ले रही है.


पायलट प्रोजेक्ट शुरू


इसके लिये राजस्थान में नया पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. इसे फिलहाल जयपुर से 186 ब्लॉक से शुरू किया गया है. शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि सरकारी विद्यार्थियों को हफ्ते में 2 दिन दूध सप्लाई करने का कार्यक्रम जल्द शुरू होगा. सभी स्कूल प्रिंसिपल को मिड डे मील वितरण से पहले उसे चखकर उसकी गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए. डॉ. कल्ला ने शिक्षकों की स्थानांतरण नीति पर कहा कि विभाग की ओर से इसे तैयार कर लिया गया है. जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जायेगा.


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टैबलेट किये गए वितरित 


प्रदेश में शिक्षा संकुल में शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला ने शिक्षा विभाग और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मिड डे मील योजना में कार्य कर रहे कुक कम हेल्पर को टैबलेट वितरित किए. उनके प्रशिक्षण के लिये FOSAFMDM ऐप का लोकार्पण किया. डॉ. कल्ला ने कहा कि इस ऐप के 9 अध्यायों के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील पकाने वाले कुक कम हेल्पर को प्रशिक्षित किया जायेगा.


किया जायेगा जागरूक


इसके तहत हाथ धोना, रसोई में सफाई रखना, भोजन बनाने वाले बर्तनों को साफ रखना, कीटाणुओं से खाने को बचाना, खाने को सही तरीके से पकाना, भोजन बनाने के बाद कचरा प्रबन्धन इत्यादि के बारे में जागरुक और प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पौष्टिक और संतुलित आहार दिया जा सके. उन्होंने श्लोक के माध्यम से समझाया कि सात्विक भोजन से सात्विक बुद्धि का विकास होता है. बच्चों को स्वास्थ्यप्रद भोजन देने से उनकी घातक बीमारियों से रक्षा होगी.


डॉ. कल्ला ने कही ये बात


बोर्ड परीक्षाओं में चीटिंग पर बोलते हुए डॉ. कल्ला ने कहा कि नकल करने वालों पर विभाग कड़ी नजर रखे हुए हैं. इसके लिये सख्त कानून बनाया जा चुका है. वहीं अध्यापकों की स्थानांतरण नीति पर कहा कि विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति तैयार की जा चुकी है. जल्द ही उचित स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर इसका क्रियान्वन किया जाएगा


डब्ल्यूएफपी के एरिक केनेफिक ने बताया कि वर्ष 1961 से संचालित वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने और मिड डे मील को एक स्वास्थ्यप्रद वातावरण में तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. केनेफिक ने बताया की ऐप को गूगल प्ले से डाउनलोड करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


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