Rajasthan News: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot government) ने प्रदेश के 12 लाख 76 हजार किसानों को 1324 करोड़ का अनुदान दिया है. प्रदेश के 50 प्रतिशत से अधिक किसानों को बिजली मुफ्त मिल रही है. वहीं, 38 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य है. उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.


12 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित
ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी (Minister Bhanwar Singh Bhati) ने कहा कि, मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत प्रदेश के 12 लाख 76 हजार कृषि उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में 1 हजार 324 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है. करीब 7 लाख 49 हजार किसानों का बिजली बिल शून्य हुआ है. प्रदेश के करीब 50 प्रतिशत किसानों को बिजली निःशुल्क मिल रही है. भाटी ने कहा कि देशव्यापी कोयला संकट और राज्य में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ने के बावजूद उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराने के पूरे प्रयास कर रहे हैं.


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सवा करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ
भाटी ने विधानसभा में बताया कि, कृषि उपभोक्ताओं के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में अनुदान देकर बड़ी राहत पहुंचाई है. बजट घोषणा के अनुसार अगस्त 2022 तक 1 करोड़ 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 2 हजार 174 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है. इससे 37 लाख 97 हजार घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हुआ है. प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 600 से 750 रुपए प्रतिमाह तक का अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की सभी बजट घोषणाओं को पूरा किया जाएगा.


4 साल में 3 लाख कृषि कनेक्शन
ऊर्जा राज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 2018 से सितंबर 2022 तक 2 लाख 92 हजार 471 कृषि कनेक्शन जारी किए हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय पूरे 5 साल में 2 लाख 68 हजार 522 कृषि कनेक्शन जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार गहलोत सरकार आने वाले 2 वर्षों में शेष लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य हासिल करेगी.


वर्तमान कार्यकाल में किए ये काम
भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्तमान कार्यकाल में 400 के.वी. का एक, 220 के.वी. के 5, 132 के.वी. के 23 तथा 33 के.वी. के 555 विद्युत सब स्टेशन स्थापित किए हैं. जोधपुर में 750 के.वी. का ग्रिड स्टेशन स्थापित करने के लिए योजना स्वीकृत की है. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर काम करते हुए 10 हजार 463 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 2700 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता के संयंत्र स्थापित किए हैं. साथ ही कुसुम योजना के तहत 42 मेगावाट क्षमता के सेंटर स्थापित किए हैं.


नियमानुसार जारी कर रहे नोटिस
ऊर्जा राज्य मंत्री ने बताया कि, फ्यूल सब चार्ज और अमानत राशि की वसूली के लिए नोटिस राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के नियमानुसार ही जारी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अमानत राशि के लिए उपभोक्ताओं को नोटिस देना एक सतत प्रक्रिया है, जो कि 2004 से प्रभावी है. वर्ष 2015-16 में भी अतिरिक्त अमानत राशि वसूल करने के लिए नियामक आयोग के दिशा-निर्देश पर नोटिस जारी किए थे.


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केंद्र सरकार के नियंत्रण में है कोयला
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि, कोयले पर पूरा नियंत्रण केंद्र सरकार का है. केंद्र ही राज्यों को कोल ब्लॉक आवंटित करता है. राजस्थान को पहले से आवंटित खान में कोयला खत्म हो चुका है. दूसरी आवंटित खानों में स्थानीय लोगों के आंदोलन की वजह से कोयला उत्पादन नहीं हो रहा. साथ ही महानदी कोल्स से कोयला लाना काफी महंगा और असुविधाजनक है. इन सभी परिस्थितियों के बीच केंद्र सरकार से समन्वय कर कोयले की कमी को दूर करने का प्रयास जारी है. वह स्वयं विभागीय उच्च अधिकारियों के साथ दो दिन पहले केंद्रीय कोयला मंत्री से इस संबंध में चर्चा कर कोयला आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह कर चुके हैं. उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया कि वे भी केंद्र से कोयला आवंटन बढ़ाने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने की बाध्यता संबंधी केंद्र सरकार के निर्देश के कारण राज्य ने चार गुणा महंगी दरों पर कोयला खरीदा.