Rajasthan: 'चांद से लेकर पूरी दुनिया में भारत...', जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोले गजेंद्र सिंह शेखावत
JNU Jaipur: गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों से कहा कि यह सौभाग्यपूर्ण अवसर हमें मिला है. जब हम देश के ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन सकते हैं.
Rajasthan News: राजस्थान के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) शनिवार (10 फरवरी) को जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के 13वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंच से स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत मनन और अध्ययन के बाद हमारे ऋषियों और मनीषियों ने इस दिन को शिक्षा के अंत नहीं, दीक्षा के अंत के रूप में स्वीकार किया था. वह जानते थे कि व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का कभी अंत या समापन नहीं हो सकता है. व्यक्ति में जीवन पर्यंत विद्यार्थी भाव बना रहना चाहिए.
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जब से सीखना बंद कर देता है, उसके इवोल्यूशन की प्रक्रिया खत्म हो जाती है. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज भारत के पद चिन्ह चांद से लेकर दुनिया में हर जगह दिखाई दे रहे हैं. भारत खेल, कला, संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान और जीवन के हर क्षेत्र में विश्वभर में अपनी खास पहचान बना रहा है. हमारे भारत की मान्यता पूरे विश्व में होने लगी है. मैं मानता हूं कि हम सौभाग्यशाली हैं कि इस समय भारत में रहने और काम करने का हमें अवसर मिला है.
'यहां 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं'
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने आगे कहा कि आज देश बदल रहा है और आज की पीढ़ी ऐसे माहौल और परिवेश में है, जब सभी तरह की अनुकूलता है क्योंकि आज से 10-20 साल पहले शायद कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि देश में स्टार्टअप शुरू करना इतना आसान होगा. हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जब सरकार बनी थी, तब देश में उंगलियों पर गिने जाने वाले स्टार्टअप थे, लेकिन आज भारत में इस तरह की अनुकूल स्थिति है कि दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत में है. यहां 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं.
छात्रों से कही ये बात
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के 13वें दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि यह सौभाग्यपूर्ण अवसर हमें मिला है. जब हम देश के ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन सकते हैं. हम ट्रांसफॉर्मेशन के वाहक बन सकते हैं. आपकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो जाती है, क्योंकि आपकी पीढ़ी को भारत को विकसित करने के लिए अपना योगदान देने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि देश के संविधान में अधिकारों की चर्चा की गई है.
संविधान निर्माता ने प्राथमिकता के साथ मूल अधिकार क्या होंगे? इसका विस्तार से वर्णन किया है. उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारों को संविधान ने सुरक्षित करने का सौभाग्य दिया है. हालांकि, भारत की संस्कृति में कर्तव्य का विचार दिया गया है, वह चाहे नागरिक, विद्यार्थी, परिवार के सदस्य पुत्र या फिर पिता होने के नाते हो. इन सब से आगे बढ़कर एक विकसित होते हुए देश की नागरिक होने के नाते हम सब अपने कर्तव्य का पालन जरूर करें.