Rajasthan: अशोक गहलोत और धारीवाल पर हमलावर हुए झाबर सिंह खर्रा, बोले- 'मोम के पुतले लगाना जनता के धन की बर्बादी'
Kota News: झाबर सिंह खर्रा ने निर्देश दिए कि विकास या जन सुविधाओं से जुड़े काम में भेदभाव की शिकायत मिली तो उचित नहीं होगा. ऑफिस में कोई भी फरियादी आए तो उसकी सुनवाई हो और संतोषजनक जवाब दिया जाए.
Rajasthan News: राजस्थान के नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा बुधवार (17 जनवरी) को कोटा प्रवास पर रहे. इस दौरान उन्होंने कोटा में चंबल रिवर फ्रंट के भ्रष्टाचार, विश्व की सबसे बड़ी घंटी और सड़क पर आवारा मवेशी, पोर्टल बंद कर ऑफ लाइन काम सहित कई विषयोंं पर अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए. कई मामलों पर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की. झाबर सिंह खर्रा ने चंबल रिवर फ्रंट पर अशोक गहलोत और शांति धारीवाल के मोम के पुतलों को लगाने को लेकर कहा कि यह जनता के धन की बर्बादी है.
मंत्री ने निर्देश दिए कि नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग से संबद्धित विभागों में सभी काम पारदर्शिता और गुणवत्ता पूर्ण हों. आगे उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी समन्वय बनाकर काम करें. आमजन की सुविधा से जुड़े कामों में कोई भेदभाव न हो. मतदाताओं और आबादी के अनुपात में बजट और संसाधनों का आवंटन किया जाए. कोटा के चंबल रिवर फ्रंट पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के मोम के पुतलों पर खर्रा ने कहा कि यह जनता के धन की बर्बादी है.
जन सुविधाओं में न मिले भेदभाव की शिकायत
झाबर सिंह खर्रा ने निर्देश दिए कि विकास या जन सुविधाओं से जुड़े काम में भेदभाव की शिकायत मिली तो उचित नहीं होगा. कार्यालय में कोई भी फरियादी आए तो उसकी धैर्यपूर्वक सुनवाई हो और संतोषजनक जवाब दिया जाए. नियमानुसार काम कितने समय में हो सकता है, यह भी बता दिया जाए. उन्होंने निर्देश दिए की जन उपयोगी सेवाएं 31 जनवरी तक आवश्यक रूप से ऑनलाइन मोड पर हो जाएं . पोर्टल में यदि कोई दिक्कत आए तो 24 घंटे में दुरुस्त करना सुनिश्चित किया जाए.
जानवर सड़क पर नहीं आने चाहिए नजर
मंत्री ने निर्देश दिए कि एक हफ्ते में आवारा पशुओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. जानवर सड़क पर नजर नहीं आने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले में स्वच्छता पर विशेष फोकस किया जाए, ताकि रैंकिंग में जिला अव्वल रहे. इसके लिए सफाई की नियमित मॉनिटरिंग हो और कार्मिकों की जिम्मेदारी तय की जाए. नगरीय विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि शहर के बीच बड़े नालों के आस-पास खाली पड़ी जमीन पर फेंसिंग करके इसमें हरियाली, वॉकिंग ट्रैक इत्यादि विकसित किए जाएं, ताकि इनका सदुपयोग हो सके.