Kota Valmiki Community Protest: सफाई कर्मचारी भर्ती 2023 में आरक्षण का विरोध मेहतर (वाल्मीकि) समाज राजस्थान के बैनर तले किया गया. राजस्थान के कोने-कोने से आए सैकड़ों वाल्मीकि समाज बंधुओं ने स्वायत शासन (UDH) मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के कोटा निवास का घेराव किया. लोगों ने इस भर्ती में आरक्षण को समाप्त करने की मांग का मांग पत्र सौंपा.


इसके साथ ही लोगों ने चेतावनी दी कि दूसरे समाज की सफाई कर्मचारियों में भर्ती किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए. पहले भी दूसरे समाज की भर्ती की गई थी लेकिन वह काम नहीं करते और दूसरे विभागों में जाकर बैठ जाते हैं जिसका अतिरिक्त भार भी वाल्मीकि समाज पर आ जाता है.


प्रदेश के वाल्मीकि समाज के लोग कोटा में हुए जमा 
मेहतर (वाल्मीकि) समाज राजस्थान (Rajasthan) के चंद्रभान अरविंद ने बताया कि राजस्थान के कौने-कौन से सैकड़ों की संख्या में वाल्मीकि समाज के लोग कोटा के बालाजी बाग,मयूर टॉकीज, नयापुरा में जमा हुए है. यहां से विशाल रैली के रूप में आरक्षण बंद कर सौ फीसदी वाल्मीकि समाज से भर्ती की मांग के नारे लगाते हुए यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल के निवास पर पहुंचे. जहां पर सभा को संबोधित करते हुए चंद्रभान अरविंद ने कहा कि सन 2012 से पूर्व सभी सफाई कर्मचारी भर्ती (Sweeper Recruitment) केवल वाल्मीकि समाज से ही होती रही है.


मगर तत्कालीन सरकार ने इसमें आरक्षण का वर्गीकरण लागू कर समाज का रोजगार छीनने की साजिश रची. जिस कारण 2012 और 2018 की भर्ती आरक्षण से हुई और एक बार फिर 2023 की भर्ती भी सरकार उसी आधार पर करने जा रही है. इससे एक बार फिर हजारों की संख्या में गैर वाल्मीकि समाज के लोग लगेंगे जबकि 2018 में लगे गैर वाल्मीकि समाज के लोग अभी तक अपना मूल कार्य नहीं कर रहे हैं.


अधिकारों के लिए होगी आर-पार की लड़ाई
अरविंद ने कहा कि इस बार समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और आवश्यकता पड़ी तो हम समाज के हक अधिकारों के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे. सैकड़ों की संख्या में मंत्री धारीवाल के निवास का घेराव करते हुए वाल्मीकि समाज के लोगों ने सरकार को चेताया कि यदि सरकार समाज का रोजगार को छीनने का कार्य करेगी तो इसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है. उन्होंने सात दिवस पर समाज हित में निर्णय लेने की मांग करते हुए शासन-प्रशासन को चेताया कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो समाज आगामी दिनों में विधानसभा (Assembly) का घेराव करते हुए इस आंदोलन को राजस्थान में और तीव्र करेगा.


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