Jaipur News: राजस्थान विधानसभा में बनवाया गया डिजिटल संग्रहालय विवादों में है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के बाद अब विधायक दिव्या मदेरणा ने म्यूजियम में लगवाई गई मूर्तियों को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने म्यूजियम में लगी अपने दादा परसराम मदेरणा की मूर्ति बदलने को कहा है. उनका कहना है कि मूर्ति परसराम मदेरणा के वास्तविक रूप से अलग है. इससे पहले राजे ने भी अपनी मूर्ति देखकर नाराजगी जताई थी. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) के निर्देशन में बने इस म्यूजियम का लोकार्पण 16 जुलाई को हुआ था.
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने ट्वीट के जरिए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को संदेश भेजा कि विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में लगी कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा (Parasram Maderna) की मूर्ति उनके मूल स्वरूप से मिलती-जुलती नहीं है. इस प्रतिमा को तुरंत बदला जाए. परसराम की पोती दिव्या ने यह भी लिखा कि "मुझे इस बात का ध्यान है कि हूबहू मूर्ति बनाना आसान नहीं है, लेकिन परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है."
वसुंधरा राजे ने उठाया था सवाल
म्यूजियम में मूर्तियों के शेप पर दिव्या से पहले वसुंधरा राजे ने भी सवाल उठाए थे. राजे जब पहली बार इस म्यूजियम में विजिट करने पहुंची तो खुद की मूर्ति देखकर दंग रह गईं. उन्होंने पास खड़े असेंबली अधिकारियों से पूछा कि क्या यह मेरी मूर्ति है? तो अधिकारियों ने हां में जवाब दिया. इस पर नाराज होकर राजे बोलीं, क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है! इस सवाल का जवाब अधिकारी नहीं दे सके और चुपचाप खड़े रहे. राजे की नाराजगी के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला किया था.
26 हजार स्क्वॉयर फीट में बना है म्यूजियम
राजस्थान विधानसभा परिसर में डिजिटल म्यूजियम जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की परियोजना है. अहमदाबाद स्थित वामा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने 15.62 करोड़ रुपए की लागत से 26 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में इसका निर्माण किया है. 40 से अधिक इंस्टॉलेशन और विभिन्न टेक्नोलॉजी से सुसज्जित यह डिजिटल म्यूजियम नई पीढ़ी को अहम जानकारियां दे रहा है. टॉक विद द स्पीकर स्टूडियो में सवाल किए जा सकते हैं. यहां राज्य के 13 मुख्यमंत्रियों के सिलिकॉन स्ट्रक्चर, उनकी राजनीतिक और निजी कहानी के अलावा अब तक के सभी विधानसभा अध्यक्षों की मूर्तियां हैं. गत 16 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमणा ने इसका उद्घाटन किया था.
इस उद्देश्य से बनवाया म्यूजियम
विधानसभा परिसर में अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय में राजस्थान के निर्माण और राजनीतिक आख्यानों को कालातित कलात्मकता और आधुनिक तकनीकी संचार के माध्यम से प्रस्तुत किया है. संग्रहालय के निर्माण का उद्देश्य राजस्थान के गौरवशाली राजनीतिक इतिहास को प्रदर्शित करने के साथ आम नागरिक को राजनीतिक कार्यवाहियों और व्यवस्थाओं से अवगत कराना है.
म्यूजियम में राजनीतिक विरासत
देश के गुलाबी नगर जयपुर के विधानसभा भवन में बनवाए गए इस विशाल संग्रहालय में राजस्थान की राजनीतिक विरासतों का डिजिटल प्रदर्शन रोचक तरीके से किया है. विधानसभा में विधेयक कैसे पारित होते हैं और कैसे ये कानून में परिणीत होते हैं. इन सब जवाबों के साथ विधानसभा अध्यक्ष, सदन के नेता और विपक्ष नेता के अधिकारों और भूमिकाओं का विस्तृत विवरण भी इस म्यूजियम है.