Rajasthan Politics: राजस्थान में विधायक दिव्या मदेरणा ने शराब वाले बयान पर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष को घेरा, जानें पूरा मामला
देश के 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ती जा रही है. इसका असर राजस्थान कांग्रेस में भी दिखने लगा है.
कांग्रेस (Congress) के मौजूदा विधायक भी अपनी ही सरकार और पार्टी को असहज करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे. विधायक दिव्या मदेरणा ने कुछ दिन पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ करते हुए अपनी ही सरकार के मंत्री महेश जोशी को रबर स्टैंप बताया था इस बार यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा पर कटाक्ष किया है.
गणेश घोघरा ने पिछले दिनों विधानसभा में आदिवासियों को 12 बोतल महुवा शराब रखने और तैयार करने की अनुमति देने की मांग की थी. घोघरा के इस बयान पर उन्हें बीजेपी नेता और कई सोशल मीडिया यूजर्स ट्रोल कर रहे हैं.
'शराब को बढ़ावा देने वाला बयान दे रहे हैं विधायक'
दिव्या मदेरणा ने गणेश घोघरा पर कटाक्ष करते हुए रि-ट्वीट किया- मैं विधानसभा को गंभीर मानती हुई बड़ी हुई. मेरा खुद का अनुभव है, वहां कुछ भी हो सकता है. शुरुआत एक ट्वीट से हुई. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) जम्मू के रीजन डायरेक्टर प्रो. राकेश गोस्वामी ने घोघरा के वीडियो बयान पर ट्वीट किया. गोस्वामी ने लिखा- आदिवासी विधायक के दिल का दर्द - बारह बोतल देसी महुआ रखने की अनुमति मिले.आप भी सुनिए राजस्थान विधानसभा में क्या हुआ. गोस्वामी के इस ट्वीट को मेंशन करते हुए दिव्या मदेरणा ने कमेंट करते हुए गणेश घोघरा पर कटाक्ष किया है.
राजस्थान सरकार मद्य संयम की नीति पर चलने का दावा करती है. इसके तहत शराब सेवन को बढ़ावा न देने का दावा किया जाता है. इसके ठीक उलट सत्ताधारी पार्टी के विधायक शराब को बढ़ावा देने वाला बयान दे रहे हैं.
'12 बोतल शराब रखने की छूट दी जाए'
घोघरा ने 10 मार्च को विधानसभा में आबकारी की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान आदिवासियों को महुवा से बनी शराब रखने की छूट की मांग की थी. घोघरा ने कहा था- आदिवासी इलाकों में आप अंग्रेजी शराब की दुकानें खोलकर उन्हें 1000-2000 रुपए वाली शराब खरीदवाना चाह रहे हो.
आदिवासी पहले से गरीब और उसे यह महंगी शराब बेचकर और गरीब बनाना चाहते हो. हर आदिवासी को महुवा की शराब बनाने और 12 बोतल शराब रखने की छूट दी जाए. हमारे भाई-बंधुओं के यहां शादी होती है तो हमें शराब का आदान-प्रदान करना पड़ता है. मेरे भाई के यहां शादी हो तो मुझे 5 बोतल शराब देनी पड़ती है. यह हमारी आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है.
दिव्या मदेरणा ने पिछले दिनों मंत्री को रबर स्टैंप कहते हुए डिपार्टमेंट के कामकाज के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए थे.पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ की थी. दिव्या कई बार पार्टी लाइन से अलग जाकर भी बयान देती रही हैं. अब उन्होंने गणेश घोघरा के शराब वाले बयान पर पलटवार किया है. शराब से सरकार को करीब 13 हजार करोड़ के आसपास का रेवेन्यू हर साल मिलता है. सरकार शराब को प्रमोट नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार शराब का विज्ञापन, प्रमोशन नहीं किया जा सकता. इन सबके बावजूद सत्ताधारी पार्टी के विधायक और यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने विधानसभा में शराब संस्कृति को बढ़ावा देने वाली मांग करने पर अब उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.
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