Rajasthan Assembly News: उदयपुर संभाग राजस्थान का एक मात्र आदिवासी इलाका है. यहां कुछ क्षेत्र को छोड़ दिया जाए, तो पूरा उदयपुर ही आदिवासी क्षेत्र है. यहां 60 लाख आदिवासी आबादी है, लेकिन देश की आजादी से अब तक यहां से 4 आईएएस तक नहीं बने हैं. यह बातें राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान विधायक धर्म नारायण जोशी (Dharam Narayan Joshi) ने कही. 



दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान उदयपुर जिले की मावली विधानसभा के विधायक धर्म नारायण जोशी ने उदयपुर में शिक्षा को लेकर भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है. लिहाजा, यहां शिक्षा के प्रचार और प्रसार की बहुत ही ज्यादा जरूरत है. हालांकि, उन्होंने इन इलाकों में केंद्र सरकार के काम की तारीफ की, लेकिन राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया.

आदिवासी क्षेत्र में मॉडल गांव की जरूरत
धर्मनारायण जोशी ने विधानसभा में कहा, "राजस्थान में 24 जनजाति सीटें हैं, जिसमें 16 तो उदयपुर क्षेत्र में ही है. यहां 60 लाख की आबादी आदिवासियों की है. उन्होंने कहा कि जब मैं जयपुर और उदयपुर के क्षेत्र को देखता हूं, तो काफी अंतर दिखता है. जयपुर में काफी पहले स्कूल खुल गए, यही वजह है कि यहां के लोग डीजी लेवल तक पहुंचे हैं. हमारे यानी उदयपुर की बात करें तो 60 लाख की आबादी में अब तक 4 आईएएस नहीं बन सके हैं, जिनके नाम बता सके. इसलिए मैं इन इलाकों में शिक्षा के प्रसार-प्रचार की मांग करता हूं. उन्होंने जनजाति मंत्री से कहा कि आपके रहते हुए आदिवासी क्षेत्र में एक मॉडल गांव विकसित कीजिए. जहां हर प्रकार की सुविधाएं हो, जहां अच्छा स्कूल, हॉस्पिटल सहित अन्य सुविधाएं हो, जिससे आदिवासी आगे बढ़ सके."

केंद्र सरकार की तारीफ
धर्मनारायण जोशी ने कहा, "आज थोड़ा भी अगर आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा है, तो ये भैरो सिंह शेखावत की देन है. उनके कारण कुछ लीडरशिप बनी है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की सरकार का धन्यवाद देना चाहता हूं कि एक आदिवासी को राष्ट्रपति पद तक पहुंचाया गया. एक मैसेज दिया केंद्र सरकार ने कि हमारा आदिवासी भाई कमजोर नहीं है."

राज्य सरकार को कोसा
वहीं, राज्य सरकार को कोसते हुए कहा कि केंद्र ने देश में 370 एकलव्य विद्यालय बनाए हैं. दुर्भाग्य यह है कि उदयपुर के गोगुन्दा में एक साल पहले एकलव्य विद्यालय खुला और 10 लाख रुपए के बिस्तर भेजे, वह अब तक बन्द पड़े हुए हैं. कोई धणी-धोरी नहीं है.


आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के सबसे बड़े आस्था के केंद्र मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया. अरे, 60 साल से आपकी सरकार थी, 1500 आदिवासियों के बलिदान की इस भूमि मानगढ़ धाम को इतिहास में जगह क्यों नहीं दी. भाजपा की सरकार आई तो उसने उसे इतिहास में जोड़ा. पीएम नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब वहां हुए एक कार्यक्रम में इस बलिदान की स्थली को सामने लाया गया.  


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