Rajasthan Malaria Risk: राजस्थान में मानसून की आमद हो चुकी है. मानसून की बारिश के बाद मौसमी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है.
अस्पताल में भी बुखार और मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है. मौसमी बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है.
मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
इसी क्रम में सहायक निदेशक मलेरिया डॉक्टर मुस्ताक खान और मलेरिया कंसलटेंट मूल्यांकन अधिकारी चयन रूप सोनी बाड़मेर पहुंचे. उन्होंने शिव इलाके में मलेरिया के मामलों का निरीक्षण किया. इस दौरान डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर पीसी दीपन भी साथ मौजूद रहे.
अधिकारियों ने मौसमी बीमारियों से बचाव और नियंत्रण को लेकर जिले में शिव, कोटडा, गड़ा, हेम सिंह की ढाणी, लखानी की ढाणी में मलेरिया प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया. उन्होंने पानी के टैंकों, एंटी लार्वा गतिविधियों को लेकर जागरूक किया.
जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश
इस दौरान सहायक निदेशक मुस्ताक खान ने प्रभावित क्षेत्र से अधिक से अधिक ब्लड स्लाइड लेने के निर्देश दिए. अधिकारियों ने मौसमी बीमारियों को लेकर खंड मुख्यालय में खंड स्तरीय अधिकारियों के कार्मिकों के साथ बैठक की.
संबंधित अधिकारियों ने निर्देश देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से मौसमी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में जांच उपचार और रोकथाम सहित अन्य सभी व्यवस्थाओं की पूरा इंतजाम होना चाहिए. उन्होंने खंड स्तर पर मौसम विभाग की स्थिति की जानकारी ली. मौसमी बीमारियों की रोकथाम के नियंत्रण के संबंध में निर्देश दिए.
बारिश से पहले बढ़े मलेरिया केस
उन्होंने कहा कि ऐसे स्थान जहां मौसम बीमारियां पैर पसार रही हैं, वहां स्थिति नियंत्रण में आने तक नियमित रूप से गतिविधि की जारी रखी जाए. मलेरिया, डेंगू सहित अन्य मौसम बीमारियों के पॉजिटिव केस पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र में गतिविधियां करवाने का प्लान सुनिश्चित किया जाए.
मलेरिया के मामले बाड़मेर जिले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यहां पर प्रतिदिन नए केस सामने आ रहे हैं. अभी बारिश का सीजन शुरू हुआ है. इससे पहले ही मलेरिया का फैलाव तेज हो गया है.
मौसमी बीमारियों में ये जिले हैं टॉप पर
बाड़मेर जिले में मलेरिया के 2 जुलाई तक कुल 97 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. यह आंकड़ा पूरे राज्य के किसी एक जिले में अब तक का सबसे अधिक है. वहीं दूसरे स्थान पर जैसलमेर है, जहां पर 62 केस मिल चुके हैं.
रोकथाम के लिए नहीं हो रही गतिविधि
बता दें, पिछले सीजन में बाड़मेर में मलेरिया का कहर देखने को मिला था. इस साल भी जिस तरह से मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में रोकथाम को लेकर आदर्श स्तर पर गतिविधियां दिख रही हैं.
इससे पहले करीब चार-पांच दिन पहले डिप्टी सीएमएचओ ने जिला कलेक्टर के निर्देश पर मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर जारी गतिविधियों के भौतिक सत्यापन को लेकर ब्लॉक में निरीक्षण किया गया था. मौके पर उन्हें बीसीएमओ की ओर से दी गई रिपोर्ट में क्षेत्र में छिड़काव की जानकारी जरूर मिली है.
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