बेतहाशा गर्मी के बीच आई राहत भरी खबर, राजस्थान में तय समय से हफ्तेभर पहले मानसून पहुंचने की उम्मीद
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार केरल में मानसून के आने के बाद राजस्थान तक इसे पहुंचने में औसतन 20-22 दिन का समय लगता है. इसलिए संभावना है कि यहां मानसून समय से एक हफ्ते पहले 16 से 20 जून के बीच आ सकता है.
Monsoon Entry IN Rajasthan: देशभर में भीषण गर्मी का दौर जारी है. इन दिनों तापमान कई जगह 48 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर चुका है. राजस्थान में इन दिनों आसमान से जैसे आग बरस रही हो. तेज गर्मी से झुलस रहे लोगों के लिए अब राहत की खबर सामने आई है. हर कोई मानसून के आने का इंतजार कर रहा है तो जान लीजिए यह राजस्थान कब पहुंच रहा है. आपके गांव शहर तक इस बार मानसून समय से पहले आने की मौसम विभाग ने संभावना जताई है है जिससे गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम केन्द्र दिल्ली ने भारत में दक्षिणी पश्चिमी मानसून के केरल में आने की संभावित तारीख घोषित कर दी है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार केरल में मानसून के आने के बाद राजस्थान तक इसे पहुंचने में औसतन 20 या 22 दिन का समय लगता है. इसलिए संभावना है कि राजस्थान में मानसून समय से एक हफ्ता पहले 16 से 20 जून के बीच आ सकता है.
जयपुर मौसम केंद्र निदेशक ने दी ये जानकारी
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि भारतीय मौसम केन्द्र नई दिल्ली ने इस बार केरल में 27 मई को मानसून के आने संभावना बताई है. उन्होंने बताया कि मानसून की वास्तविक एंट्री घोषित संभावित तिथि से 4 दिन पहले या 4 दिन बाद भी हो सकती है. जब केरल में मानसून पहुंचता है तो वहां से राजस्थान की सीमा तक आने में औसतन 20-22 दिन का समय लगता है. अभी राजस्थान में मानसून कौन से दिन आएगा ये कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने बताया कि मानसून के आने की निर्भरता उस समय के वातावरण और हवाओं की स्थिति पर रहती है.
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इस साल इतनी बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग ने इस साल के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य बारिश (96-104 फीसदी) होने की संभावना जताई है. राजस्थान में 4 महीने के सीजन में औसत बरसात 415 MM होती है. पिछले साल औसत बरसात 485.30 MM हुई थी, जो सामान्य से 17 फीसदी ज्यादा थी. इस बार मौसम विभाग ने राजस्थान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर और चूरू बेल्ट में बारिश सामान्य से कम होने, जबकि दक्षिण-पूर्वी हिस्से के कोटा, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, झुंझुनूं, जयपुर, दौसा, धौलपुर, बारां, बूंदी, टोंक, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में सामान्य से थोड़ी अधिक होने की संभावना है.
राजस्थान में कहां कितना रहेगा मानसून मेहरबान
राजस्थान में साल 2021 में मानसून की स्थिति देखें तो यह सामान्य रही थी. पूरे राज्य में बरसात औसत से 17 फीसदी अधिक हुई थी. मौसम केंद्र जयपुर ने राजस्थान को दो हिस्सों (पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान) में बांट रखा है. पश्चिमी राजस्थान में साल 2021 में बारिश सामान्य से अधिक रही यानी यहां बारिश औसत से 20 फीसदी ज्यादा रही, जबकि पूर्वी राजस्थान में सामान्य (औसत से 16 फीसदी अधिक). सिरोही, गंगानगर, पाली, जालौर, उदयपुर और डूंगरपुर में साल 2021 में बारिश औसत से कम हुई थी. राजस्थान में मानसून की एंट्री डूंगरपुर, बांसवाड़ा के रास्ते होती है. साल 2021 में बांसवाड़ा के रास्ते मानसून 18 जून को प्रवेश किया था, जो सामान्य तारीख 25 जून से एक सप्ताह पहले आ गया था. राजस्थान के लगभग सभी शहरों में मानसून तय समय से एक सप्ताह पहले ही डेरा डाल सकता है.