Rajasthan Swimming Championship: कहते हैं अगर मन में जज्बा हो और कुछ कर गुजरने की चाह हो तो हर परेशानी का हल निकल जाता है. चाहे आर्थिक समस्या हो या शारीरिक कमजोरी जहां चाह होती है वहां राह जरूर मिलती है. ऐसा ही जज्बा 3 दिन तक उदयपुर (Udaipur) में नजर आएगा. क्योंकि यहां खेल गांव स्थित स्विमिंग पूल में शुक्रवार को 21वीं राष्ट्रीय पैरा स्वीमिंग चैंपियनशिप (Swimming Championship) की शुरुआत हुई है. यहां आए प्रतिभागियों में किसी के हाथ नहीं तो किसी के पैर नहीं हैं, यहां तक कि दृष्टि बाधित भी हैं. फिर भी किसी ने विश्व स्तर पर गोल्ड, सिल्वर तो किसी ने कांस्य पदक जीत देश का नाम रोशन किया है. प्रतियोगिता पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) और नारायण सेवा संस्थान के साझे में ये चैंपियनशिप शुरू हुई है.
24 राज्यों से आए प्रतिभागी
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देश के 24 राज्यों से 400 प्रतिभागी आए हैं जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. बड़ी बात ये है कि प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के लिए पैरा ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया एवं कृष्णा नागर भी पहुंचे, जिनका अतिथियों ने स्वागत किया. झाझरिया ने इस दौरान खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया. कार्यक्रम की शुरुआत में सभी राज्यों की टीमों का मार्च पास्ट हुआ और फिर स्विमिंग प्रतियोगिता शुरू हुई.
यहां से आए हैं प्रतिभागी
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि प्रतियोगिता में राजस्थान सहित चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, पं. बंगाल, त्रिपुरा, कर्नाटक सहित 24 राज्यों के 400 पैरालिंपिक तैराक आए हैं. प्रतियोगिता से पहले खिलाड़ियों का वर्गीकरण और जांच की गई है. खिलाड़ियों ने भी तरणताल पर अभ्यास किया और आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी की. खिलाड़ियों ने कहा कि, देश में कई दिव्यांग हैं लेकिन यहां सिर्फ 400 आए हैं. अगर एथलेटिक होती तो ये संख्या 5 गुना होती. इसके पीछे कारण है कि एथलेटिक खिलाड़ी कहीं भी प्रैक्टिस कर सकते हैं लेकिन स्विमर को स्विमिंग पूल जरूरी होता है. ऐसे में देश के हर जिले में स्वमिंग पूल होना चाहिए जिससे प्रतिभाएं सामने आएं.
इन वर्गों में होंगे मुकाबले
पीसीआई चेयरमैन डॉ वीके डबास ने बताया कि प्रतियोगिता के तहत सीनियर वर्ग (15-17 आयु वर्ग), सब जूनियर (12 से 14 ) व (एस1- एस10) कुल 10 वर्ग, दृष्टिबाधित श्रेणी में (एस-11 एस12) दो वर्ग होंगे. मानसिक दिव्यांग श्रेणी में एस-14 वर्ग होगा.
ये भी पढ़ें:
दुर्घटना में मौत पर परिवार ने बेटे का अंतिम संस्कार किया, चार दिन बाद फोन आया- 'भैया मैं जिंदा हूं'