(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: मंत्री और अधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा, FIR दर्ज करने की रखी मांग, क्या है मामला?
Kirodi Lal Meena: बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी मैदान में कूद पड़े. उन्होंने कहा कि मामला दर्ज न करना सरकार का असली चेहरा दिखाता है.
Jaipur: जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (PHED) में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामले में पुलिस द्वारा संबंधित अधिकारी और मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार किये जाने पर, बीजेपी (BJP) के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) मंगलवार (20 जून) को एक शिकायतकर्ता के साथ यहां अशोक नगर थाने (Ashok Nagar Police Station) के सामने धरने पर बैठ गये. मीणा ने सोमवार (19 जून) को पीएचईडी द्वारा लागू किए गए जल जीवन मिशन परियोजनाओं (Jal Jeevan Mission Yojana) से संबंधित निविदा में अनियमितता का आरोप लगाया था.
अशोक नगर थाने के बाहर शिकायतकर्ता टी एन शर्मा के साथ धरने पर बैठे मीणा ने मीडिया से कहा, 'हम प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया है.' इस मुद्दे पर पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. एक शिकायत में आरोप है कि जल जीवन मिशन की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये की निविदा जारी की गई.
टी एन शर्मा ने इस मामले में एक शिकायत में दो वरिष्ठ अधिकारियों का नाम लिया, जबकि दूसरी में उन्होंने राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी सहित अन्य का नाम लिया. हालांकि, महेश जोशी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि निविदा प्रक्रिया में किसी मंत्री की भूमिका नहीं होती है.
आरोप पर पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने क्या कहा?
कथित भ्रष्टाचार के आरोप पर पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि, 'मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. आरोप लगाना किरोड़ी मीणा की आदत बन गई है, अगर उनके पास सबूत हैं, तो उन्हें इसे मुख्यमंत्री या किसी को भी देना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'निविदा प्रक्रिया में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है, इसलिए मेरे खिलाफ मीणा के आरोप बेबुनियाद हैं.'
पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने को नहीं है तैयार- राजेंद्र राठौड़
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी थाने पहुंचे और शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. राठौड़ ने कहा, 'मैंने पुलिस अधिकारियों से बात की लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है. इससे सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है.' उन्होंने कहा, 'एक तरफ तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर चलती है और दूसरी तरफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार नहीं है.'
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