Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीते चार महीने से मस्जिद रेजीडेंसी कमेटी और मदरसा संरक्षण के लिए आंदोलन जारी है. 112 दिन से जारी यह प्रदर्शन अब तेज हो रहा है. अब लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है. शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की कोशिश की. पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते को बंद किया और लोगों को आगे बढ़ने से रोका.


इस बात को लेकर है नाराजगी


प्रदर्शनकारी नई मस्जिद कमेटी का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि नई कमेटी में बाहरी इलाकों में रहने वाले आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को शामिल किया गया. 70 साल से जिस मस्जिद की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं उसे भूमाफियाओं के हाथों में नहीं जाने देंगे. उनका कहना है कि मस्जिद के साथ संचालित मदरसा भी संकट में है.


पायलट से भी मिले थे प्रदर्शनकारी


सीएम आवास घेरने का प्रयास करने से पहले प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात की थी. आंदोलन के करीब सौ दिन पूरे होने पर इस मामले के विवाद को लेकर लोगों पायलट से मुलाकात की थी. उनसे मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया. सचिन पायलट को बताया कि सी स्कीम की मस्जिद रेजीडेंसी के आसपास कॉलोनी में रहने वाले लोग हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मामले में विरोध कर रहे हैं. पायलट ने आश्वासन दिया था कि घबराएं नहीं.


वक्फ बोर्ड पर लगा चुके ताला


प्रदर्शनकारी अपनी समस्या और मांग को लेकर हरसंभव जतन कर चुके हैं. बीते दिनों इन लोगों ने अजमेर दरगाह के पूर्व सदर और पूर्व हज कमेटी चेयरमैन अमीन पठान के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड पहुंचकर मुख्यालय का घेराव किया था. विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए सभी लोग वक्फ चेयरमैन खानु खां बुधवाली के ऑफिस में पहुंचे. वहां कोई नहीं मिला तो गुस्साए लोगों ने चेयरमैन के ऑफिस में ताला लगा दिया था. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने सुनवाई करने की बजाय बुजुर्गों पर ही शांति भंग करने के आरोप में मुकदमे दर्ज करवा दिए थे.


Bhilwara: 'दुनिया से जा रहा हूं, दिल से मत निकलना', सोशल मीडिया पर पोस्ट कर युवक ने खुद को मारी गोली