Rajasthan News: हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Child Labor Prohibition Day) मनाया जाता है. राजस्थान के नगौर जिले (Nagaur District) के मेड़ता (Merta) में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RSLSA) के एक्शन प्लान के अनुसार रविवार (12 जून) को 'बालश्रम रोकथाम जागरूकता सप्ताह' (Child Labor Prevention Awareness Week) का शुभारंभ किया गया जो कि 20 जून तक मनाया जाएगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता, बाल कल्याण समिति नागौर और अन्य विभागों के संयुक्त तत्वावधान में बाल श्रम रोकथाम जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम शुरू किया गया. नागौर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने मेड़ता में इस कार्यक्रम को हरी झंडी दी. इस अवसर पर श्रम विभाग के अंतर्गत जिला स्तरीय बाल श्रम रोकथाम टास्क फोर्स के सदस्य सुनील सिखवाल समेत स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे.
बाल श्रम रोकथाम जागरूकता सप्ताह के शुभारम्भ पर श्रमिकों को संबोधित करते हुए बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, युवा देश की पहचान हैं, इसलिए न तो बच्चों से बालश्रम कराया जाए और न ही उन्हें बालश्रम में धकेला जाए. बाल श्रम कराने वाले नियोक्ताओं के खिलाफ कानून में कठोर प्रावधान हैं. अगर कहीं पाया जाए कि किसी व्यापारिक संस्थान में कोई बालक बालश्रम के रूप में नियुक्त है तो इसे कराने वाले नियोक्ता के खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
बालश्रम बच्चों कि विकास में बाधक- मनोज सोनी
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने कहा कि बालश्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधक है. इसलिए न तो बच्चों से बालश्रम कराया जाए और न ही बालश्रम होने दें. बालक श्रमिक के रूप में नियोजित होने पर उनका विकास रुक जाता है. बच्चे शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत सुविधाओं से दूर चले जाते है. इसलिए जहां भी बालश्रम की जानकारी मिले, तत्काल चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, स्थानीय पुलिस प्रशासन, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग और बालश्रम रोकथाम टास्क फोर्स सदस्य सुनील सिखवाल, सुरेश गुर्जर या किसी भी अधिकारी को इस बात की सूचना दे सकते हैं ताकि पीड़ित बच्चों का पारिवारिक पुनर्वास हो पाए और उन्हें शिक्षा मिल सके.
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श्रमिक परिवारों को मिले योजनाओं का लाभ- सुनील सिखवाल
बालश्रम रोकथाम टास्क फोर्स सदस्य सुनील सिखवाल ने मेड़ता में श्रमिको से संवाद किया. उन्होंने श्रमिकों के परिवारों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को बालश्रम में न लगाएं. सुनील सिखवाल ने रालसा एक्शन प्लान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता के निर्देश अनुसार निर्माण कार्यों और भवन निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों से बालश्रम रोकथाम जागरूकता को लेकर चर्चा की ओर कहा की अठारह साल से कम किसी भी बच्चे को काम में लगाना बाल श्रमिक के रूप में नियुक्त अपराध है और इसको लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
इसी के साथ उन्होंने श्रमिक परिवारों को श्रम विभाग की योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ई लेबर कार्ड, भामाशाह योजना, चिरंजीवी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा योजना से जुड़कर वे लाभ ले सकते हैं. इस अवसर पर मनीष सिखवाल, सामाजिक कार्यकर्ता साहिद अख्तर, मनसुख भाई समेत स्थानीय प्रतिनिधि मौजुद रहे.
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