Rajasthan News: राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार में बनाये गए कुछ नए जिलों को खत्म करने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. जिसको लेकर कांग्रेस अब प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमलावर है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जैसे-जैसे जनसंख्या का विस्तार हो रहा है, ये सरकार की जिम्मेदारी है कि जनसंख्या के अनुरूप नागरिकों को निकटतम स्थान पर राजकीय सुविधाएं उपलब्ध कराये. 


टीकाराम जूली ने कहा राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, बीकानेर, चूरू आदि में जिला मुख्यालयों से कई इलाकों की दूरी 300 किलोमीटर तक है. ऐसे में जिला मुख्यालय पर किसी काम से आने के लिए आमजन को परेशानी होती थी. वर्तमान सरकार केवल अपनी राजनीति चमकाने के उद्देश्य से जनता के हितों की परवाह नहीं कर रही है. राजस्थान की जनता की आवश्यकता के अनुरूप नए जिले बनाए गए हैं. अगर किसी भी जिले को खत्म कर वहां की जनता के साथ अन्याय किया गया तो जनता अपने हक के लिए आवाज मजबूत करेगी.


नेता प्रतिपक्ष ने अन्य राज्यों का दिया उदाहरण
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया. परन्तु प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन उस अनुपात से नहीं हुआ. राजस्थान से छोटा होने के बाद भी मध्य प्रदेश (आबादी-7 करोड़ 27 लाख) में 53 जिले हैं. छत्तीसगढ़ (आबादी-2 करोड़ 56 लाख) में 33 जिले हैं. राजस्थान की आबादी लगभग 7 करोड़ है. उन्होंने कहा नए जिलों के गठन से पूर्व राजस्थान में हर जिले की औसत आबादी 35.42 लाख व क्षेत्रफल 12,147 वर्ग किलोमीटर था. (जबकि त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10,492 वर्ग किलोमीटर, गोवा का क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किलोमीटर, दिल्ली का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर है. अब नए जिले बनने के बाद जिलों की औसत आबादी 15.35 लाख व क्षेत्रफल 5268 वर्ग किलोमीटर हो गया है.


‘क्षेत्र कम होने से शासन-प्रशासन की पहुंच बेहतर होती है’
कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने कहा जिले की आबादी व क्षेत्र कम होने से शासन-प्रशासन की पहुंच बेहतर होती है. साथ ही सुविधाओं व योजनाओं की बेहतर डिलीवरी सुनिश्चित हो पाती है. छोटी प्रशासनिक इकाई होने पर जनता की प्रतिवेदनाओं का निस्तारण भी शीघ्रता से होता है. उन्होंने कहा हमारे पड़ोसी राज्यों के जिले जैसे डांग (2 लाख 29 हजार), पोरबंदर (5 लाख 85 हजार) एवं नर्बदा (5 लाख 91 हजार), गुजरात, पंचकुला (5 लाख 59 हजार) एवं चरखी दादरी (लगभग 5 लाख 1 हजार), हरियाणा, मलेरकोटला (लगभग 4 लाख 30 हजार), बरनाला (5 लाख 96 हजार) एवं फतेहगढ़ साहिब (6 लाख), पंजाब जैसे कम आबादी वाले जिले हैं. देशभर में लगभग 95 जिले 5 लाख से कम आबादी के है.


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