Rajasthan New Districts: 19 नए जिलों के साथ सीकर-पाली और बांसवाड़ा बने संभाग, एक्सपर्ट से जानें क्या होंगे बदलाव
Rajasthan News: 19 नए जिलों के साथ बांसवाड़ा, सीकर और पाली को संभाग बनाने का एलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है. एक्सपर्ट से जानिए मुख्यमंत्री की घोषणा से राजस्थान में क्या बदलाव होंगे.
Rajasthan New Districts Formation: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को विधानसभा में राजस्थान के 19 नए जिलों और 3 नए संभागों की घोषणा कर चौंका दिया. अशोक गहलोत का फैसला राजस्थान की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया. राजस्थान के नक्शे पर कयास का बाजार गर्म है. सीमांकन के बाद जिलों की भौगोलिक स्थिति की तस्वीर साफ होगी.
एबीपी न्यूज ने उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीआर व्यास से नए जिलों के फायदे, जनसंख्या और भौगोलिक स्थितियों पर बातचीत की. प्रोफेसर पीआर व्यास ने कहा कि नए संभाग बनने से काफी बदलाव आएंगे. सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को होगा. क्षेत्र की दूरियां कम होने के साथ प्रशासनिक और कानून व्यवस्था पर पकड़ मजबूत होगी. बेहतर तालमेल के साथ विकास का काम हो पाएगा. नीति आयोग की भी पहली प्राथमिकता यही है कि दूरियां कम हों. जिले का भौगोलिक क्षेत्र सीमांकन के बाद तय होगा.
बांसवाड़ा
बांसवाड़ा जिला वर्तमान में उदयपुर संभाग का हिस्सा है. नये संभाग बांसवाड़ा में डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले शामिल हो सकते हैं. नया बना सलूम्बर जिला भी बांसवाड़ा संभाग का हिस्सा बन सकता है. मुख्यमंत्री के एलान से बांसवाड़ा ट्राइबल संभाग बन जाएगा. गांवों की स्थिति आजादी के पहले जैसी आज भी है. बांसवाड़ा के संभाग बनने से गांवों की स्थिति में सुधार होगा. प्रशासन-रहवासी, दोनों की पहुंच होगी.
बड़ी बात है कि आदिवासी संभाग बनने से नया जनजातीय क्षेत्रीय कार्यालय खुल सकता है. जनजातीय क्षेत्रीय कार्यालय आदिवासी क्षेत्र में विकास का काम करता है. मुख्यमंत्री की घोषणा से बांसवाड़ा में नए आयाम स्थापित होंगे. वर्तमान में प्रतापगढ़ की 10.46 लाख, बांसवाड़ा की 21.68 लाख और डूंगरपुर की 16.74 लाख की जनसंख्या बांसवाड़ा संभाग का हिस्सा हो जाएगी. उदयपुर संभाग में रहने वाले उदयपुर, राजसमन्द और चित्तौड़गढ़ जिले की 69.44 लाख आबादी रह जाएगी.
पाली
वर्तमान में पाली जिला जोधपुर संभाग का हिस्सा है. पाली की संभागीय मुख्यालय जोधवपुर से दूरी कम हो जाएगी. अर्द्ध मरुस्थलीय क्षेत्र पाली के दूर दराज गांवों में विकास की जरूरत पूरी होगी. संभाग में पाली, सिरोही, जालौर और सांचौर जिला शामिल हो सकता है. मारवाड़ और गोडवाड़ को मिलाकर संभाग बनेगा. जोधपुर संभाग की 200-250 किमी दूरी कम होगी.
वनस्पति के विकास की समस्या, शिक्षा के क्षेत्र में छोटी बस्तियों की समस्या को फायदा होगा. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पाली की जनसंख्या 20.37 लाख, सिरोही की जनसंख्या 10.36 लाख और जालौर की जनसंख्या 18.28 लाख है. पाली संभाग में तीनों जिले शामिल होने पर 50 लाख के करीब जनसंख्या होगी.
सीकर
सीकर जिले में दूरियों की समस्या नहीं है. समस्या जनसंख्या की है. ढूंढाड़ से शेखावटी को अलग कर दिया गया है. सीकर, झुंझनु, नीमकाथाना और चुरू जिले बन सकते हैं. अब लोगों को राजधानी जयपुर की तरफ नहीं देखना पड़ेगा. सीकर में संभागीय आयुक्त और आईजी के बैठने से लोगों का काम आसान हो जाएगा. सीकर की करीब 30 लाख, झुंझनु की 16.47 लाख, चुरू की 23.65 लाख जनसंख्या है. चुरू को मिलाने पर सीकर संभाग की जनसंख्या माना जा सकता है 70 लाख हो सकती है.